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    Azam Khan ने हेलीकॉप्टर से मंगाया था घनश्याम लोधी के लिए एमएलसी का टिकट, अब भाजपा के टिकट पर लड़ेंगे लोकसभा उपचुनाव

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 05 Jun 2022 01:44 PM (IST)

    Rampur Lok Sabha By Election 2022 भारतीय जनता पार्टी ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव में जिन घनश्याम लोधी को टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है वही घनश्याम लोधी एक समय सपा नेता आजम खां के बेहद करीबी थे। जब वह प्रधानी का चुनाव हार गए थे तो उन्हें एमएलसी बनवाया था।

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    Azam Khan News : रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी का फाइल फोटो।

    रामपुर, जेएनएन। Rampur Lok Sabha By Election 2022 : भारतीय जनता पार्टी ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव में जिन घनश्याम लोधी को टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है, वही घनश्याम लोधी एक समय सपा नेता आजम खां के बेहद करीबी थे। उनका आजम खां के साथ रिश्ता इस कदर गहरा था कि जब वह प्रधानी का चुनाव हार गए थे तो आजम ने उन्हें एमएलसी बनवाया था। इसके लिए समाजवादी पार्टी का उनका टिकट हैलीकाप्टर से लाया गया था। 

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    रामपुर में लोकसभा उपचुनाव 2022 के लिए 23 जून को मतदान होगा। भाजपा और सपा के बीच ही इस सीट पर मुकाबला देखने को मिलेगा। भाजपा ने दो बार के एमएलसी घनश्याम लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा से आजम खां की पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा प्रत्याशी बन सकती हैं। उनका नामांकन पत्र भी ले लिया गया। इनके अलावा सपा नगराध्यक्ष आसिम राजा ने भी नामांकन पत्र लिया है। 

    घनश्याम सिंह लोधी विधानसभा चुनाव के दौरान ही भाजपा में शामिल हुए। हालांकि 1998 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। साल 1999 में वह बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़े, लेकिन हार गए थे। इसके बाद कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी में शामिल हो गए। साल 2006 में वह इसी पार्टी के टिकट पर एमएसली का चुनाव लड़े और जीत गए। प्रदेश में तब सपा की सरकार थी और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी भी उसमें शामिल थी।

    तब आजम खां समर्थक ग्राम प्रधानों और निकाय प्रतिनिधियों ने भी उनका समर्थन किया था। साल 2015 में उनकी पत्नी सुनीता देवी खैरुल्लापुर से प्रधान का चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। इसके बाद 2016 में आजम खां ने घनश्याम सिंह को एमएलसी बना दिया। घनश्याम सिंह भी आजम खां के साथ तमाम धरना प्रदर्शन में शामिल होते रहे, लेकिन 2019 के विधानसभा उपचुनाव में घनश्याम सिंह ने आजम खां की पत्नी का साथ नहीं दिया।

    उनके घर पर भाजपा नेताओं की मीटिंग हुई। इसके बाद से ही दूरियां बढ़ती चली गईं। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। इसके बाद उन्होंने सपा छोड़ने का ऐलान कर दिया और भाजपा में शामिल हो गए। उस समय माना जा रहा था कि पार्टी भाजपा उन्हें एमएलसी बना देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उनकी जगह बरेली के महाराज सिंह को टिकट दे दिया। अब भाजपा ने लोकसभा का टिकट दे दिया है।