आजम खां को रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता को लेकर धोखाधड़ी केस में बड़ी राहत, स्थायी जमानत अर्जी मंजूर
Azam Khan News सपा विधायक आजम खां को रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता को लेकर धोखाधड़ी केस में बड़ी राहत मिल गई है। रामपुर की स्थानीय अदालत ने स्थायी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। आरोप है कि एक स्कूल की एनओसी पर तीन स्कूल संचालित हो रहे थे।

Azam Khan News: रामपुर, जेएनएन। रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता को लेकर धोखाधड़ी के मामले में रामपुर शहर विधायक आजम खां को स्थानीय अदालत से भी राहत मिल गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर होने पर ही वह बाहर आ सके थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्थायी जमानत अर्जी पर सुनवाई का अधिकार स्थानीय अदालत को ही दिया था और शहर विधायक को वहां अर्जी लगाने के आदेश दिए थे। अर्जी पर सुनवाई के दौरान आजम खां भी बेटे अब्दुल्ला के साथ अदालत में पहुंचे।
धोखाधड़ी का यह मामला आजम खां के स्कूल से जुड़ा है। इसे उन्होंने सपा शासनकाल में बनवाया था। सरकार जाने के बाद वर्ष 2020 में बेसिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन नगर शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह राणा ने शहर कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आरोप है स्कूल की मान्यता धोखे से ली गई। एक स्कूल की एनओसी पर तीन स्कूलों का संचालन किया जा रहा था।
इस मुकदमे में पुलिस ने जांच के बाद आजम खां की पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिपिक बाबू तौफीक अहमद को आरोपित बनाया था। दोनों के खिलाफ चार्जशीट भी लगा दी थी। बाद में वादी की शिकायत पर दोबारा जांच की गई।
तब नेशनल बिल्डिंग कोड का सर्टिफिकेट गलत निकला। स्कूल भवन का फिटनेस प्रमाण पत्र जल निगम की सी एंड डीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सविसेज) के अवर अभियंता से लिया गया, जबकि यह कार्य लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर का है। सी एंड डीएस के इंजीनियर ने भी प्रमाण पत्र जारी करने से मना कर दिया था।
इसके बाद मुकदमे में आजम खां का नाम भी शामिल कर लिया गया था। छह मई को इस मामले में आजम खां के खिलाफ कस्टडी वारंट बनाकर सीतापुर जेल भेज दिया था। इससे पहले तक आजम खां के खिलाफ सभी मामलों में जमानत अर्जी मंजूर हो चुकी थी। लेकिन, धोखाधड़ी के इस मामले में उनका नाम शामिल होने के कारण उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट में आजम खां की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें सशर्त अंतरिम जमानत दे दी थी। साथ ही दो सप्ताह में स्थायी जमानत के लिए स्थानीय अदालत में प्रार्थना पत्र देने के आदेश दिए थे। उनके द्वारा एमपी एमएलए सपेशल कोर्ट में स्थायी जमानत के लिए अर्जी दी गई। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
अभियोजन की ओर से आपत्ति लगाते हुए इसे खारिज किए जाने की मांग की गई। आजम खां के अधिवक्ता जुबैर अहमद खां का कहना था कि मुकदमा राजनीति से प्रेरित है। आजम खां का नाम मुकदमे में शामिल नहीं था। दो साल बाद पुलिस ने अतिरिक्त चार्जशीट में उनका नाम शामिल कर दिया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने स्थायी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।
अब्दुल्ला के मुकदमों में आयकर अधिकारी से जिरह : विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दर्ज दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड मामले में भी मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शहर विधायक आजम खां और बेटा अब्दुल्ला दोनों मौजूद रहे। दोनों मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में हुई। यह दोनों मुकदमे भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कराए थे। इनमें आरोप है कि अब्दुल्ला के दोनों जन्म प्रमाण पत्र और पैन कार्ड में अलग-अलग जन्मतिथि अंकित है।
मुकदमे में जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खां, बेटा अब्दुल्ला और पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा भी नामजद हैं, जबकि पैन कार्ड मामले में आजम और अब्दुल्ला आरोपित हैं। दोनों मुकदमों में गवाही की प्रक्रिया चल रही है। मंगलवार को गवाह के रूप में आयकर अधिकारी विजय कुमार कोर्ट में पेश हुए। मुकदमे के वादी भाजपा नेता भी मौजूद रहे। आयकर अधिकारी पिछली तारीख पर अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। अब उनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा जिरह चल रही है। भाजपा नेता के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि आयकर अधिकारी से जिरह पूरी नहीं हो सकी है। अदालत अब दोनों मामलों में 28 जून को सुनवाई करेगी।

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