यूपी में सिख जाट भी पिछड़ों की सूची में शामिल:औलख
उत्तर प्रदेश में सिख और मुस्लिम जाटों को भी पिछड़ी जाति में शामिल कर लिया गया है। शासन के इस फैसले से प्रदेश के 30 लाख सिख जाटों को लाभ मिलेगा
रामपुर (जेएनएन): उत्तर प्रदेश में सिख और मुस्लिम जाटों को भी पिछड़ी जाति में शामिल कर लिया गया है। शासन के इस फैसले से प्रदेश के 30 लाख सिख जाटों को लाभ मिलेगा। इस संबंध में पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को पत्र जारी किया है। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव औलख ने गुरुवार को मीडिया को यह जानकारी दी।
सिख सम्मेलन में सीएम को बताया था
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जाटों को काफी पहले पिछड़ी जाति में शामिल कर लिया गया था, लेकिन सिख जाटों को इसका लाभ नहीं दिया गया। वर्ष 2000 में वह खुद रामपुर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़े थे, तब उन्होंने आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में वाद दायर किया था। वह सिख हैं, लेकिन जाति उनकी भी जाट है, इसलिए आरक्षण का लाभ दिया जाए। हाईकोर्ट ने उनकी मांग को जायज मानते हुए फैसला उनके हक में सुनाया था। इसके बाद सरकार ने भी आदेश जारी किया, लेकिन सिख जाटों को पिछड़ी जातियों की सूची में शामिल नहीं किया गया। बीती 29 अक्टूबर को लखनऊ में सिख सम्मेलन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसके बारे में बताया गया था। इसके बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक ने पांच दिसंबर को इस संबंध में प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शासनादेश का हवाला देते हुए पत्र जारी किया है।
प्रदेश में 30 लाख सिख जाट
मंत्री ने बताया कि अब सिख जाटों के पिछड़ी जाति के प्रमाण पत्र जारी हो सकेंगे। उत्तर प्रदेश में करीब 30 लाख सिख जाट हैं, इनमें सबसे ज्यादा पीलीभीत में 1.60 लाख, लखीमपुर खीरी में 1.30 लाख, शाहजहांपुर में एक लाख और रामपुर में 90 हजार सिख जाट हैं। इसके अलावा बिजनौर, अमरोहा आदि जिलों में भी सिख जाट काफी संख्या में हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम जाट भी हैं। इन सभी को अब पिछड़ी जाति का लाभ मिल सकेगा।