Ashray Scheme के आवंटी आशियाने दस रुपये के स्टांप पर बेचकर चले गए, एमडीए के अधिकारी खोज रहे
MDA Ashray Scheme एमडीए ने आश्रय योजना के तहत गरीबों को एक कमरे से जो मकान आवंटित किए गए थे। इनमें तमाम गरीब ऐसे हैं जो दस रुपये के स्टाम्प पर मकान बेचकर गायब हो गये हैं।मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने 800 बकाएदाराें को नोटिस जारी किये हैं।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। MDA Ashray Scheme : एमडीए ने आश्रय योजना (Ashray Scheme) के तहत गरीबों को एक कमरे से जो मकान आवंटित किए गए थे। इनमें तमाम गरीब ऐसे हैं, जो दस रुपये के स्टाम्प पर मकान बेचकर गायब हो गये हैं।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (Moradabad Development Authority) ने 800 बकाएदाराें को नोटिस जारी किये हैं। इनमें अधिकांश का पता नहीं मिल रहा है। इन्हें खोजना एमडीए (MDA) के लिए किसी चुनौती बनी हुई है।
60 हजार रुपये में दिए गए थे घर
वर्ष 2003 में प्राधिकरण ने सम्भल रोड स्थित आजादनगर योजना (Azadnagar Scheme) की आश्रय योजना (Ashray Scheme) में गरीबों को 60 हजार रुपये में घर आवंटित किये थे। आवंटियों को 18 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 20 साल में किस्तों में मकान की धनराशि देनी थी। लेकिन, तमाम आवंटी किस्तें जमा ही नहीं कर पाए।
पचास फीसद आवंटी कब्जा मिलते ही रहने लगे थे। कुछ लोगों ने मकानों को किराए पर उठा दिया। करीब 20 फीसद मकान ऐसे हैं, जिनके आवंटियों ने अपने घरों को 10 रुपये के स्टाम्प पर बेच दिया है। कई लोगों ने मकान खरीदकर ईडब्ल्यूएस के नक्शे बदल दिए हैं।
ढाई से तीन लाख रुपये में बेचे गए
कुछ किस्तें जमा करने के बाद अधिकांश लाभार्थियों ने 10 रुपये के स्टाप पर एग्रीमेंट करा ये मकान ढाई से तीन लाख रुपये में बेच दिए। वहीं, साढ़े तीन सौ से ज्यादा आवंटियों का पता नहीं है। अधिकांश मकान के मौजूदा मालिकों ने नक्शे तक बदल डाले और अधिकारियों को भनक तक नहीं है।
आजाद नगर के अलावा काशीराम नगर, नवीननगर, नया मुरादाबाद में भी ईडब्ल्यूएस मकान बनाए गए थे। इन योजनाओं के आवासों को भी आवंटियों ने बेच दिया है। एमडीए के कागजों में तो इन मकानों का असल मालिक आवंटी है। इसलिए सभी योजनाओं के आठ सौ बकाएदारों को एमडीए ने नोटिस जारी कर दिया है।
नोटिस जारी होने के बाद बकाएदार बकाया धनराशि जमा करने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन, दस रुपये के स्टाम्प पर मकान खरीदने वाले परेशान घूम रहे हैं। एमडीए उनके हाथों से बकाया भी जमा नहीं कर सकता है।
मकान बेचकर लापता हो गए
सम्भल रोड स्थित आजादनगर योजना के लाल सिंह के नाम 244 नंबर आवास आवंटित हुआ था। आवंटी ने किस्त के सिर्फ बारह हजार रुपये की जमा किये थे। वह मकान को तीन लाख रुपये में दस रुपये के स्टाम्प पर बेच गये। कब्जेदार अब परेशान घूम रहा है। एमडीए के रिकार्ड में खरीदने वाले का कोई रिका़र्ड नहीं है। इसलिए उसकी कोई सुनने को तैयार नहीं है।
दस रुपये से स्टाम्प पर खरीदा
आश्रय योजना, आजाद नगर में मकान नंबर 444 भगवान देवी के नाम से आवंटित हुआ था। वह मात्र सात हजार रुपये जमा कर पायी थीं। मकान पर काबिज व्यक्ति का कहना है कि उसने मकान खरीद लिया है। लेकिन, खरीददार को पता ही नहीं है कि यह नियम के विरुद्ध है। एमडीए में उसका कोई रिकार्ड नहीं है।
क्या कहते हैं अधिकारी
एमडीए के अधिशासी अभियंता आरआरपी सिंह ने बताया कि बकायेदार को लगातार नोटिस जारी करने का क्रय जारी है। अब तक करीब आठ सौ बकायेदारों को नोटिस जारी किये जा चुके हैं। नोटिस जारी होने के बाद बकाया भी तेजी से जमा हाे रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में 200 से अधिक बैनामे हो चुके हैं। एमडीए की संपत्ति आवंटी की होती है। इसलिए नियमों के खिलाफ कोई खरीद-फरोख्त न करें।
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