पढ़ें एक खौफनाक रात की कहानी, घर की बेटी ने प्रेमी के साथ मिलकर कैसे की थी सात लोगों की हत्या
Amroha Bawankhedi Massacre 14 अप्रैल सन 2008 की वो खौफनाक रात शायद ही अमरोहा के लोग भूल सके हों। जब घर की बेटी शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या कर दी थी।

अमरोहा, जेएनएन। Amroha Bawankhedi Massacre : 14 अप्रैल सन 2008 की वो खौफनाक रात शायद ही अमरोहा के लोग भूल सके हों। जब घर की बेटी शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या कर दी थी। इसमें एक बच्चा भी था। हत्याकांड के दोनों दोषी इस वक्त जेल में बंद हैं और सजा काट रहे हैं। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में 14 साल पहले ये खौफनाक वारदात कैसे अंजाम दी गई थी। पुलिस ने चार दिन में कैसे मामले का पर्दाफाश किया था।
बावनखेड़ी गांव के रहने वाले शौकत एक कॉलेज में लेक्चरर थे। उनका एक बेटा एमबीए और दूसरा इंजीनियर था। घर की बड़ी बेटी शबनम इंग्लिश और भूगोल में डबल एमए थी। पूरा घर पढ़ा लिखा और यही कारण था कि पूरे गांव में परिवार की बहुत इज्जत थी। मगर 14 अप्रैल 2008 की रात जो हुआ वह किसी ने सोचा भी नहीं था। रात में पड़ोसी की सूचना पर पहुंची पुलिस के भी पैरों तले जमीन खिसक गई थी।
दरअसल, मकान में चार अलग-अलग कमरों में शौकत, उनकी पत्नी, उनके दो बेटे, एक बहू और दो बच्चों की लाशें पड़ी थीं। सभी की गला काटकर हत्या की गई थी। बस 11 महीने के बच्चे का गला नहीं कटा था। शौकत के परिवार में इकलौती जिंदा बची शबनम दहाड़े मार-मार कर रो रही थी। इस सामूहिक हत्याकांड के खिलाफ लोगों में इतना गुस्सा था कि अगले ही दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को शौकत के घर आना पड़ा था।
शबनम ने पुलिस को क्या बताई थी कहानीः पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी को नशीली दवा देने की बात भी सामने आई थी। इसके बाद पुलिस जांच में एक सवाल यह उठा कि अकेली शबनक कैसे होश में रही। सभी की हत्या हो गई तो शबनम कैसे बच गई। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर आरपी गुप्ता ने शबनम से बात की तो उसने बताया कि वो रात को छत पर सो रही थी। कुछ चोर घर में दाखिल हुए फिर वो ज़ीने से नीचे पहुंचे और उसके बाद बाहर निकल गए। इसके बाद जब वह नीचे पहुंची, तो सभी मृत पड़े थे। यह सब देखकर उसके होश उड़ गए और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। जिस पर पड़ोसी घर पहुंचे।
शबनम का झूठ कैसे पकड़ा गयाः उस रात बारिश नहीं हुई थी। ये शबनम का पहला झूठ था। अगर चोर दरवाज़े से बाहर निकले, तो कुंडी अंदर से बंद कैसे थी। ये शबनम का दूसरा झूठ था। अगर चोर दीवार के रास्ते छत पर आए, तो दीवार पर इसके कोई निशान क्यों नहीं थे, ये शबनम का तीसरा झूठ था।
कैसे खुला मामलाः पुलिस जांच में यह बात साफ हो गई थी कि शबनम के गांव के ही सलीम से अच्छे संबंध थे। शबनम अक्सर सलीम की बाइक पर स्कूल जाया करती थी। पुलिस को पहले से सलीम पर शक था। ऐसे में घटना के दो दिन बाद पुलिस ने सलीम को पूछताछ के लिए बुलाया। सख्ती से पूछताछ में सलीम टूट गया और उसने पूरी कहानी बता दी। बताया कि वह और शबनम शादी करना चाहते थे लेकिन परिवार वाले राजी नहीं थे। इसलिए सभी को रास्ते से हटाने की योजना शबनम ने बनाई थी। सलीम ने वो कुल्हाड़ी भी बरामद करा दी जिससे सभी का क़त्ल किया गया था। वारदात के बाद उस कुल्हाड़ी को तालाब में फेंक दिया गया था। शबनम के खून से सने कपड़े भी पुलिस बरामद कर चुकी थी।
कैसे अंजाम दी थी वारदातः शबनम ने उस खौफनाक रात की पूरी तैयारी कर ली थी। रात के खानेे में उसने खीर भी बनाई थी। जिसमें उसने बेहोशी की दवा मिलाई थी। जब सभी लोग खीर खाकर बेहोश हो गए तब शबनम ने फोन करके सलीम को बुला लिया। सलीम ने सभी छह लोगों को कुल्हाड़ी से काट दिया और फिर उसे तालाब में फेंकने के लिए निकल गया। बाद में शबनम ने अपने 11 महीने के भतीजे का गला घोंट दिया था।
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