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    Amroha Bawankhedi Massacre : 11 साल दो महीने तक मुरादाबाद जेल की महिला बैरक में रही शबनम

    By Narendra KumarEdited By:
    Updated: Thu, 18 Feb 2021 08:24 AM (IST)

    Amroha Bawankhedi Massacre कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में शबनम किसी से ज्यादा नहीं मिलती थी। अपनी बैरक में शांति से रहती थी। फांसी की सजा होने के बाद सलीम को आगरा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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    बच्चों को शबनम पढ़ाने का काम करती थी।

    मुरादाबाद, जेएनएन। पुलिस ने हत्या के तीन दिन बाद इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए हत्यारे शबनम और सलीम को मुरादाबाद जेल में भेज दिया था। दोनों करीब तीन साल तक मुरादाबाद जिला कारागार में रहे। लेकिन अमरोहा जिला अदालत से फांसी की सजा होने के बाद सलीम को आगरा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। जबकि शबनम मुरादाबाद जेल में ही रही। जेल में कढ़ाई, बुनाई के साथ ही महिला बंदियों के साथ रहने वाले बच्चों को शबनम पढ़ाने का काम करती थी।

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    कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने बताया कि जेल में रहने दौरान शबनम किसी से ज्यादा नहीं मिलती थी। अपनी बैरक में शांति से रहती थी, वहीं वह अपने बेटे से मिलने के साथ ही दिल्ली की एनजीओ से आने वाले सदस्यों से भी कभी-कभी मुलाकात करती थी। 19 अप्रैल 2008 को शबनम और सलीम को जिला कारागार में लाया गया था। इसके बाद 17 अगस्त 2010 को सलीम को जिला कारागार से आगरा सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। वहीं शबनम करीब 11 साल दो माह तक मुरादाबाद में रही। इसके बाद सात जुलाई 2019 को शबनम को भी रामपुर जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। 

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