Amroha Bawankhedi Massacre : सलीम के जरिए टल सकती है शबनम की फांसी, ये है वजह
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है सलीम की पुनर्विचार याचिका। इसे आधार बनाकर डेथ वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ले सकती है शबनम। चूंकि दोनों को एक ही घटना में फांसी की सजा सुनाई गई है ऐसे में दोनों को सजा भी समान रूप से मिलनी चाहिए।
मुरादाबाद, जेएनएन। अमरोहा बावनखेड़ी नरसंहार के गुनहगार सलीम व शबनम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। शबनम को फांसी दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अभी शबनम के पास फिलहाल फांसी टालने का एक विकल्प सलीम के रूप में मौजूद है। सलीम की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उसे आधार बनाकर शबनम हाईकोर्ट की शरण ले सकती है।
सात लोगों के कत्ल करने की दोषी शबनम के अधिवक्ता शमशेर सैफी ने बताया कि शबनम व सलीम की फाइल सेशन कोर्ट से साथ ही चल रही हैं। स्थानीय अदालत ने दोनों को साथ फांसी की सजा सुनाई थी। उसके बाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में भी दोनों की फाइल साथ चली। उन्होंने बताया कि वहां से खारिज होने के बाद राष्ट्रपति ने भी दोनों की दया याचिका साथ खारिज कर दी थी। परंतु सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दोनों की पुनर्विचार याचिका में अभी केवल शबनम की ही याचिका खारिज की गई है। जबकि सलीम की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल चिकारा बताते हैं कि सलीम की पुनर्विचार याचिका के विचाराधीन रहते हुए यदि शबनम का डेथ वारंट जारी होता है तो वह इसका हवाला देकर हाईकोर्ट की शरण ले सकती है। उन्होंने बताया कि चूंकि दोनों को एक ही घटना में फांसी की सजा सुनाई गई है, ऐसे में दोनों को सजा भी समान रूप से मिलनी चाहिए। शबनम इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट की शरण ले सकती है।
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