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    रामपुर और संभल से कौन होगा सपा प्रत्‍याशी? आजम खां से मुलाकात के बाद अखि‍लेश तय करेंगे नाम; खुद कराया सर्वे

    Updated: Thu, 14 Mar 2024 02:04 PM (IST)

    सपा प्रमुख अखि‍लेश यादव जल्‍द ही सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाकात करके सियासी चर्चा के साथ उनका हालचाल भी लेंगे। इसके बाद ही टिकटों की घोषणा होने का कयास लगाया जा रहा है। इसलिए टिकट के दावेदार भी आजम से मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं। आजम खां की पश्चिमी यूपी के टिकटों में प्रत्येक चुनाव में अहम भूमिका रहती है।

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    अखिलेश सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाकात करके सियासी चर्चा के साथ उनका हालचाल भी लेंगे।

    मोहसिन पाशा, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के महासचिव मुहम्मद आजम खां से सीतापुर जेल में पार्टी मुखिया की मुलाकात होने के बाद ही मुरादाबाद मंडल की तीन सीटों पर सियासी जंग लड़ने वालों के नाम तय होंगे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं भी अपने वफादारों से सर्वे करा चुके हैं, लेकिन आजम खां से बिना मशविरा लिए कोई निर्णय नहीं लेना चाहते हैं।

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    एक-दो दिन में अखिलेश सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाकात करके सियासी चर्चा के साथ उनका हालचाल भी लेंगे। इसके बाद ही टिकटों की घोषणा होने का कयास लगाया जा रहा है। इसलिए टिकट के दावेदार भी आजम से मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं।

    सीतापुर जेल में हैं आजम खां 

    मंडल की छह सीटों में अमरोहा कांग्रेस के खाते में हैं। बिजनौर, नगीना, संभल, मुरादाबाद, रामपुर से 2024 के लोकसभा चुनाव में किस प्रत्याशी को उतारा जाना है, इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है। आजम खां की पश्चिमी यूपी के टिकटों में प्रत्येक चुनाव में अहम भूमिका रहती है। वह 19 अक्टूबर 2023 को अपने बेटे अब्दुल्ला आजम जन्म प्रमाण पत्र के मामले में अदालत से सजा होने के बाद से ही सीतापुर जेल में हैं। बेटा पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम हरदोई जेल में है। पत्नी रामपुर जेल में सजा काट रही हैं।

    सपा से प्रत्‍याशी पर सस्‍पेंस  

    वर्ष 2019 में सपा से टिकट पर आजम खां सांसद चुने गए थे। सदस्यता चले जाने के बाद आजम ने उप चुनाव में अपने करीबी आसिम राजा को लोकसभा चुनाव में उतारा था, लेकिन भाजपा ने यह सीट सपा से छीन ली। भाजपा के घनश्याम लोधी वर्तमान में यहां से सांसद हैं। भाजपा ने फिर से उन्हीं पर भरोसा जताया है, लेकिन सपा से कौन प्रत्याशी होगा, यह अभी तक तय नहीं है।

    रामपुर से सपा आसिम राजा को ही फिर से टिकट दे सकती है। हालांकि, चर्चा यह भी है कि आजम के परिवार से भी प्रत्याशी हो सकती है। उनकी पुत्रवधू को भी सपा टिकट दे सकती है। सपा मुखिया बिना आजम की राय के बिना रामपुर में प्रत्याशी घोषित भी नहीं करेंगे। पहली सूची में संभल के सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क को प्रत्याशी बनाने में सपा मुखिया ने कोई देरी नहीं की।

    ओल्ड इज गोल्ड कहकर उनका नाम टिकटों की सूची में पहले नंबर पर रहा लेकिन, बर्क के देहांत के बाद पार्टी हाईकमान के सामने संभल का टिकट भी चुनौती बना हुआ है। डा. बर्क के परिवार से उनके पौत्र कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान बर्क की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है, लेकिन विधायक के पुत्र एवं सांसद के इकलौते बेटे ममलूकउर्रहमान बर्क की दावेदारी ने सपा मुखिया को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसका लाभ उठाकर अन्य दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं।

    ट‍िकट को लेकर आजम की राय जरूरी 

    अब इस टिकट को लेकर भी आजम का मशविरा मायने रखता है, क्योंकि उनका सियासी अनुभव अखिलेश यादव के अधिक है। संभल के मतदाताओं की नब्ज आजम खां बखूबी समझते हैं। मुरादाबाद लोकसभा से सपा के डा. एसटी हसन सांसद हैं। इन्हें भी आजम कोटे का कहा जाता है। सपा मुखिया ने उन्हें बहुत महत्व दिया। संसदीय दल का नेता बनाया। फिलहाल, उनका टिकट भी फंसा हुआ है।

    कांठ विधायक कमाल अख्तर टिकट की लाइन में हैं। एक दूसरे विधायक भी पुराने दिनों का हवाला देकर टिकट की जुगत में है। दोनों को सपा मुखिया का करीबी कहा जाता है। इसलिए इस सीट पर टिकट के लिए भी सपा मुखिया आजम खां मशविरा अवश्य लेंगे।

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