Rampur News: 45 करोड़ के घोटाले में फंसे एडीएम वित्त, डीएम ने शासन से की कार्रवाई की संस्तुति
शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने दूसरे अफसरों से भी जांच कराई। उन्होंने भी बताया कि उस जमीन पर कोई निर्माण नहीं है और गैर कृषि भूमि नहीं है। इसके बाद जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को सही रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

रामपुर, जागरण संवाददाता। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के पद पर रहे वैभव शर्मा 45 करोड़ की घपलेबाजी में फंस गए हैं। जिलाधिकारी ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को भी लिख दिया है। छह दिन पहले ही उन्हें शासन ने रामपुर से आंबेडकरनगर स्थानांतरित किया है।
शासन ने नैनीताल हाईवे चौड़ीकरण के लिए सैंजनी नानकार गांव की जमीन अधिगृहीत की है। इसके मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू होते ही अफसरों ने खेल शुरू कर दिया। 1.13 हेक्टेयर जमीन को गैर कृषि दर्शाकर 510757160 रुपये का मुआवजा देने की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई। इसपर एनएएचआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने आपत्ति जताई। उसके महाप्रबंधक राजेश कुमार सूद और कंसलटेंट सतीश कुमार ने जांच पड़ताल के बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट दी की उक्त भूमि में मात्र 196 वर्ग मीटर जमीन गैर कृषि भूमि है। इसपर एक आरा मशीन लगी है। बाकी जमीन खाली पड़ी है। यह गैर कृषि भूमि नहीं है। इस जमीन के पास में ही एक अन्य व्यक्ति की जमीन भी है, लेकिन उस व्यक्ति को अपर जिलाधिकारी द्वारा गैर कृषि भूमि का मुआवजा नहीं दिया जा रहा था। इसपर उसने भी जिलाधिकारी से शिकायत की। कहा कि उसकी जमीन भी बराबर में हैं, लेकिन उसके पड़ोसी को गैर कृषि भूमि का मुआवजा दिया जा रहा और उसे कृषि भूमि का।
शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने दूसरे अफसरों से भी जांच कराई। उन्होंने भी बताया कि उस जमीन पर कोई निर्माण नहीं है और गैर कृषि भूमि नहीं है। इसके बाद जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को सही रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। तब अपर जिलाधिकारी ने उक्त जमीन का मुआवजा 510757160 से घटाकर 63757160 निर्धारित किया। इस तरह करीब 45 करोड़ रुपये की घपलेबाजी का प्रयास किया गया। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन के नियुक्ति विभाग को लिखा। इस पर शासन ने अपर जिलाधिकारी डा. वैभव शर्मा को पांच जुलाई को अपर जिलाधिकारी न्यायिक के पद पर आंबेडकर नगर स्थानांतरित कर दिया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ का कहना है कि घपलेबाजी का प्रयास किया गया। लेकिन, पकड़ में आ गया। सरकार को करीब 45 करोड़ की चपत लगाने की कोशिश की गई। शासन को रिपोर्ट भेज दी है। शासन को ही आगे कार्रवाई करनी है।
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