Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐतिहासिक सम्भल में 19 कूप, 68 तीर्थ

    By Edited By:
    Updated: Thu, 17 Nov 2011 04:54 PM (IST)

    सम्भल (मुरादाबाद)। ऐतिहासिक नगरी सम्भल उर्फ शम्भलेश्वर में 19 कूप और 68 तीर्थो की अनदेखी हो रही है। देखरेख के अभाव में प्राचीन तीर्थ लुप्त हो रहे हैं।

    मान्यता है कि सम्भल उर्फ शम्भलेश्वर की संरचना भगवान शंकर ने विश्वकर्मा से कराई और इसकी रखवाली के रूप में खुद तीन कोनों पर विराजमान हुए। इसी त्रिकोणीय परिधि में 68 तीर्थ और 19 कूप के दर्शन मात्र से ही मानव को पापों से मुक्ति साथ-साथ चारों तीर्थो की यात्रा का पुण्य मिलता है। अनदेखी के चलते इनकी स्थिति अत्यंत खराब है और गिने चुने ही अस्तित्व में हैं। यूं तो शास्त्रों में अर्क तीर्थ (सूर्य कुंड तीर्थ), हंस तीर्थ, कृष्ण तीर्थ, कुरुक्षेत्र तीर्थ, विष्णोपादोदक तीर्थ, श्वतेद्वीप तीर्थ, ताक्ष्य केशव तीर्थ, संख माधव तीर्थ, दशाश्वमेघ तीर्थ, पिशाच मोचन तीर्थ, चतुर्मुख कूप, नैमिषारण्य तीर्थ, विजय तीर्थ, उ‌र्द्ध रेवा तीर्थ, अवंती तीर्थ, चंद्र तीर्थ, पापक्षय तीर्थ, चुर्त सागर तीर्थ, पंचाग्नि कूप, अशोक कूप, यम तीर्थ, मणिकार्णिका तीर्थ (मनोकामना), महिष्मति तीर्थ, ऋण मोचन तीर्थ, पाप मोचन तीर्थ, कालोदक तीर्थ, सोम तीर्थ, गोतीर्थ, अंगारक तीर्थ, चक्र सुदर्शन तीर्थ, रत्‍‌न प्रयाग तीर्थ, वासुकी प्रयाग तीर्थ, क्षेमक प्रयास तीर्थ, गन्धर्म प्रयाग तीर्थ, तारक प्रयाग तीर्थ, महामृत्युंजय तीर्थ, पुष्कर तीर्थ (ज्येष्ठ व कनिष्ठ), मध्य पुष्कर तीर्थ, ब्रह्मावर्त तीर्थ, नर्मदा तीर्थ, धर्म कूप, विमला तीर्थ (भविष्य गंगा), सर गोदावरी तीर्थ, वाग्भारती तीर्थ, रसोदक कूप, रेवा तीर्थ, गोपाल तीर्थ, आनन्दसर तीर्थ, चक्र तीर्थ, रत्‍‌नयुग्म तीर्थ, भागीरथी तीर्थ, त्रिसंध्या तीर्थ, मलहानि तीर्थ कूप, आदिगया तीर्थ, यज्ञ कूप, ऋषिकेश महाकूप, पारासारेश्वर कूप, अकर्ममोचन तीर्थ कूप, विमल कूप, मृत्यु कूप, यमदग्नि कूप, विष्णु कूप, सोनक कूप, कृष्ण कूप, सप्तसागर कूप, धरणी व राह कूप, वंशगोपाल तीर्थ, पुष्दम तीर्थ, कर्ममोचन तीर्थ, स्वर्गद्वीप तीर्थ, मत्स्योदरी तीर्थ, अनन्तेश्वर तीर्थ, अत्रिकाश्रम तीर्थ, देव तीर्थ और विष्णु तीर्थ का वर्णन हैं लेकिन वास्तविक रूप में गिने चुने तीर्थ ही बचे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सम्भल की धार्मिक महिमा को बरकरार रखने के लिए हिंदू जागृति मंच लंबे अरसे से संघर्ष कर रहा है। सदियों पुरानी सम्भल परिक्रमा को फिर से शुरू किया है। इस परिक्रमा को करने से गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की तरह ही पुण्य लाभ मिलता है। जागृति मंच के प्रवक्ता अजय शर्मा कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि ऐतिहासिक धरोहर लुप्त हो रही है बल्कि इन्हें देखने के लिए दिव्य नेत्रों की जरूरत है।

    काश! राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होता सम्भल

    सम्भल : 68 तीर्थ और 19 कूपों की नगरी सम्भल का हिंदू धार्मिक महत्व के अलावा ऐतिहासिक महत्व भी है। किसी दौर में यह राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी रही है। यहां डाकखाना रोड पर दीवार पर टंगा चक्की का पाट भी है। कहते हैं कि आला-ऊदल में से किसी ने इस चक्की के पाट को दीवार पर कला करते हुए टांगा था। पहली बार में कील ठोकी और दूसरी बार में चक्की का पाट टांगा। इसीलिए आज भी सम्भल में नट खेल नहीं दिखाया करते। इसी के साथ तोता-मैना की कब्र, चोरों का कुआं, फिरोजपुर और सौंधन का किला भी ऐतिहासिक है। अब से 10 साल पहले तक शहर के चारों मार्गो पर विशाल गेट भी हुआ करते थे। यह सुरक्षा चौकियां हुआ करती थीं लेकिन अब इनका भी अतापता नहीं है। हिन्दू जागृति मंच के नगर महामंत्री डा. मयंक माथुर और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल कहते हैं कि काश सम्भल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होता तो यहां का स्वरूप ही कुछ और होता। उन्होंने सम्भल को ऐतिहासिक और पौराणिक बताते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार से संरक्षण की मांग की।

    प्रधानमंत्री तक गए ज्ञापन

    सम्भल : सम्भल को पर्यटन नगरी घोषित कराने के लिए कांग्रेस और कई सामाजिक संगठन प्रधानमंत्री तक को ज्ञापन भेज चुके हैं लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस सबके विपरीत शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशरफ अली सैफी बताते हैं कि पिछले साल प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के माध्यम से सम्भल को पर्यटन नगरी घोषित करने की मांग करते हुए ज्ञापन दिया गया था। इस पर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही सार्थक परिणाम सामने आएंगे।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

    comedy show banner
    comedy show banner