अब ग्रीन हेरिटेज बताएगा शतकवीर पेड़ों का इतिहास, लोग जान सकेंगे पेड़ ने अब तक कितनी दी आक्सीजन
Green Heritage In Moradabad इस ग्रीन हेरिटेज में बरगद नीम जामुन पाखड़ समेत 29 पेड़ ऐसे हैं जो मुरादाबाद की धरोहर के रूप में चिह्नित किए गए हैं। पेड़ों के चबूतरे बनेंगे पेड़ के नाम की पट्टिका पर उसका नाम इतिहास और कितनी आक्सीजन अपने जीवन में छोड़ी।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। शहर में पीलीकोठी से पीएसी स्थित महाराजा अग्रसेन चौक तक त्रिकोणीय ग्रीन हेरिटेज बनेगा। इस हेरिटेज में चिह्नित किए गए लगभग 100 साल पुराने पेड़ों का इतिहास, उनसे कितनी आक्सीजन निकलती है और अपनी उम्र में अब तक कितनी आक्सीजन छोड़ चुके हैं, इसकी गणना कराने में नगर निगम प्रशासन जुट गया। पर्यावरण विशेषज्ञ को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। 54 लाख रुपये से डेढ़ किमी ग्रीन हेरिटेज का विकास होगा। इस ग्रीन हेरिटेज में बरगद, नीम, जामुन, पाखड़ समेत 29 पेड़ ऐसे हैं जो मुरादाबाद की धरोहर के रूप में चिह्नित किए गए हैं। पेड़ों के चबूतरे बनेंगे, पेड़ के नाम की पट्टिका पर उसका नाम, इतिहास और कितनी आक्सीजन अपने जीवन में छोड़ी। यह लिखा जाएगा। इस ग्रीन हेरिटेज में और भी कई विकास कार्य होंगे। चार वर्टिकल गार्डन बनाए जा चुके हैं। पीएसी, सिविल डिफेंस चौराहा, मंडलायुक्त कार्यालय की दीवार पर वर्टिकल गार्डन बन चुका है। मैथोडिस्ट चर्च की दीवार पर वर्टिकल गार्डन बनाने की तैयारी है।
ग्रीन हेरिटेज में यह भी होंगे काम
पौधे लगेंगे
थर्मोप्लास्टिक पेंट
साइन बोर्ड
यू टर्न निशान
थीम पेंटिंग
जेबरा क्रासिंग
टूटे डिवाइडर की मरम्मत
टूटे फुटपाथ की मरम्मत
प्रकाश व्यवस्था
अटल घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल विहारी वाजपेयी की प्रतिमा
पहाड़ियां
प्रभात मार्केट से गुलाबबाड़ी रामगंगा घाट तक बनेगा 84 लाख से अटल सर्किट: प्रभात मार्केट से गुलाबबाड़ी स्थित गंगा मंदर से होते हुए रामगंगा नदी पुल, हाईवे से प्रभात मार्केट तक अटल सर्किट बनेगा। इस सर्किट में प्रभात मार्केट से कटघर रेलवे स्टेशन तक ग्रीन बेल्ट का सुंदरीकरण, विक्टोरिया लाइट, पौधारोपण, साइड पटरी और इंटरलाकिंग टाइल्स लगाए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट 84 लाख रुपये की लागत से पूरा होगा। 15वें वित्त से इसको लिया गया है। गुलाबबाड़ी पर अटल घाट पर पार्क, फव्वारा पार्क और पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल विहारी वाजपेयी की प्रतिमा शीघ्र स्थापित कराने की तैयारी है।
नगर आयुक्त संजय चौहान ने कहा कि त्रिकोणीय ग्रीन हेरीटेज में लगभग सौ साल पुराने पेड़ों को चिह्नित किया गया है। इन पेड़ों का इतिहास, कितनी आक्सीजन अब तक छोड़ी उसकी गणना कराई जा रही है। गणना के बाद पेड़ों के पास चबूतरा बनाकर उनकी पट्टिका पर इतिहास लिखा जाएगा।