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    वायरल वीड‍ियो की पुष्‍ट‍ि तो नहीं मगर बादल गंगा से पानी जरूर भरते नजर आ रहे हैं, आप भी देखें वीड‍ियो...

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 07:02 PM (IST)

    मीरजापुर में गंगा नदी के किनारे एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। परमानपुर गांव के पास गंगा घाट पर गंगा से जल स्तंभ जैसा भाप उठकर बादलों में समा गया। यह नज़ारा लगभग 15 मिनट तक चला जिसे युवाओं ने मोबाइल में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

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    मीरजापुर के ज‍िगना क्षेत्र में गंगा नदी में बादलों द्वारा पानी भरने का वीड‍ियो वायरल हो रहा है।

    जागरण संवाददाता जिगना, (मीरजापुर)। ज‍िले के ज‍िगना थाना क्षेत्र में बादलों और गंगा के मध्य अद्भुत नजारा का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोगों के अनुसार थाना क्षेत्र के परमानपुर गांव के दुर्गा मंदिर के सामने गंगा घाट पर गुरुवार शाम लगभग चार बजे तीस साल बाद अद्भुत नजारा देखा गया।

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    गंगा से अचानक वायु मण्डल पर कीप सरीखा जल प्रवाह की तरह ऊपर की तरफ गंगा से पानी अचानक उठने लगा। गंगा की लहरों से निकले गहरे भाप नुमा पानी आसमान की तरफ उठ रहा है। कुछ ही मिनट बाद जल स्तंभ जैसा भाप बादलों में ही वापस समा भी गया।

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    यह प्रक्रिया करीब 15 मिनट तक चलती रहा। इसी बीच नदी से 150 मीटर दूर रोड से गुजर रहे युवाओं ने इस अद्भुत नजारे को अपने मोबाइल में वीडियो बनाकर सोशल मिडिया पर वायरल कर दिया। जिसका वीडियो सोशल मिडिया व ग्रुपों में तेजी से वायरल हो रहा है।

    देखें वीड‍ियो

    वैज्ञानिक दृष्टिकोण से माना जाता है कि वायु की गर्मी और जलस्तर की नमी के कारण वाष्प बनकर ऊपर की ओर बादलों तक पहुंचता है। भाप जो एकत्रित होकर पानी की बुंदों में परिवर्तन होकर जमीन पर गिरता है। इसी तरह उक्त घाट पर गंगा के मध्य से भी अद्भुत नजारा दिखा था। जो अगस्त माह में सन् 1995 में 15 मिनट तक चला था।

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    गांव निवासी शिव बहादुर यादव, पंच लाल यादव पूर्व प्रधान, काशिराम, मिठाई लाल, रामधनी, राम भाई आदि का कहना है अगस्त माह के बरसात के मौसम में सन 1995 में शाम के पांच बजे के समय भी यही अद्भुत नजारा देखने को मिला था। तब लोगों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं था क‍ि लोग वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालते। जिससे लोगों को बहुत जानकारी नहीं हो पाई थी।

    जबकि गांव के लोगों का कहना है यह हवा के बदलते दबाव के कारण बना हुआ दबाव क्षेत्र है। गंगा, नदी, समुद्र तट जैसे इलाकों में ऐसा अक्सर अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। बड़ा रूप लेने पर यही चक्रवात बन जाता है।

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    माना जाता है की यह पूरी तरह वायू की गर्मी और जलस्तर की नमी से वाष्प बनकर वायु मण्डल की ओर ऊपर उठता है। जिसे प्राकृतिक घटना भी माना जाता है। ऐसी घटनाएं अक्सर बरसात के मौसम में देखी जाती हैं। इसे सामान्यतः बवंडर या चक्रवात की श्रेणी में माना गया है। इससे पहले भी पूर्वांचल के कई जिलों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी है।

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