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    Mirzapur News: शारदीय नवरात्र से पहले विंध्यधाम में मथुरा-वृंदावन जैसी सुविधाएं, जल्द होगी कर्मचारियों की भर्ती

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 02:37 PM (IST)

    उप्र विंध्य तीर्थ विकास परिषद के गठन से विंध्यधाम में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। शारदीय नवरात्र से पहले श्रद्धालुओं को मथुरा-वृंदावन जैसी सुविधाएँ मिलेंगी। परिषद जल्द ही कर्मचारियों की भर्ती करेगी। विंध्य क्षेत्र के मुख्य तीर्थ स्थल परिषद के अधीन होंगे जिसमें विंध्यवासिनी धाम अष्टभुजा देवी मंदिर आदि शामिल हैं। परिषद तीर्थ स्थलों का सुंदरीकरण कराएगी और तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।

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    नव्य-भव्य विंध्यधाम में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ने वाली हैं l जागरण

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर। उप्र विंध्य तीर्थ विकास परिषद के गठन के साथ विंध्यधाम में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए कार्य शुरू हो गया है। परिक्रमा पथ के द्वितीय तल पर परिषद का कार्यालय स्थापित किया जा रहा है। 22 सितंबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र से पहले श्रद्धालुओं को मथुरा-वृंदावन जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

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    परिषद की ओर से कर्मचारियों की भर्ती के लिए जल्द विज्ञापन जारी किया जाएगा। विंध्य क्षेत्र के मुख्य तीर्थ स्थल परिषद के अधीन होंगे, जिनका समन्वित विकास किया जाएगा। इसमें विंध्यवासिनी धाम, अष्टभुजा देवी मंदिर, काल भैरव मंदिर, गुप्त गंगा, सीता कुंड, चकई धाम-सोनभद्र, शिवद्वार मंदिर-शिवद्वार, कपिलधारा-कुदार, लाल दरवाजा मीरजापुर, गंगा के घाट और अन्य स्थानीय मान्यता प्राप्त धार्मिक स्थल होंगे।

    परिषद लगभग 300-400 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले तीर्थस्थलों पर केंद्रित होगी। जिसमें मीरजापुर के अलावा सोनभद्र और चंदौली का दक्षिणी क्षेत्र रहेगा। साथ ही प्रयागराज और भदोही को भी शामिल किया जा सकता है।

    जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद क्रियाशील है। परिषद में लगभग 80 कर्मचारी होंगे। बहुत जल्द इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विंध्यधाम धार्मिक पर्यटन का केंद्र बिंदु बन गया है। अब हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस बार के शारदीय नवरात्र से पहले इसका पूरा स्वरूप दिखाई देने लगेगा।

    विंध्याचल में होने वाले धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन, नवरात्रि मेला, देवी जागरण के साथ ही इसका वेबसाइट, एप, प्रचार सामग्री, डिजिटल मैपिंग के जरिए देश दुनिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार किया जाएगा। सीसीटीवी, पुलिस चौकी, महिला सुरक्षा को और अत्याधुनिक करने की योजना है। परिषद की ओर से तीर्थ स्थलों का सुंदरीकरण, मार्ग, घाटों का निर्माण, रोपवे, पाथवे, साइनबोर्ड आदि लगवाया जाएगा।

    तीर्थयात्रियों के लिए धर्मशाला, रैनबसेरा, पार्किंग, शौचालय, पेयजल, मेडिकल कैंप की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। धार्मिक पर्यटन का महत्व प्रयागराज में हुए महाकुंभ के आयोजन के दौरान देखा गया है। डेढ़ माह के आयोजन में मां विंध्यवासिनी दरबार में डेढ़ करोड़ से अधिक लोग पहुंचे। इससे मुद्रा का प्रसार काफी हुआ। अनुमान है कि 150 करोड़ रुपये से अधिक का प्रवाह केवल विंध्याचल और उससे जुड़े क्षेत्र में हुआ है।