मीरजापुर में डायरिया का प्रकोप, तीन मरीज अस्पताल में भर्ती, प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
मीरजापुर जिले के पटेहरा पीएचसी में डायरिया से पीड़ित तीन मरीज भर्ती हुए। बोदा खुर्द, हिनौता और संतनगर के इन मरीजों को उल्टी-दस्त की शिकायत थी। डॉक्टर वाजिद जमील ने मौसमी बदलाव और बासी भोजन को कारण बताया। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने और स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। मरीजों का इलाज जारी है और उनकी हालत में सुधार हो रहा है।

ठंडी और गर्मी के साथ-साथ बासी भोजन और ठंडा पानी पीने से पेट खराब होने की समस्या बढ़ रही है।
जागरण संवाददाता पटेहरा (मीरजापुर)। विकास खंड के बोदा खुर्द, हिनौता और संतनगर से एक-एक मरीज को पीएचसी पटेहरा में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। बोदा खुर्द की 50 वर्षीय बुधनी को बृहस्पतिवार रात को उल्टी और दस्त की समस्या हुई, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को पीएचसी पटेहरा में भर्ती कराया गया।
इसी प्रकार, हिनौता की 20 वर्षीय सावित्री को भी बृहस्पतिवार को उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। संतनगर निवासी 20 वर्षीय संजू गुप्ता की हालत भी डायरिया के कारण बिगड़ गई, जिसके चलते उनके स्वजन उन्हें शुक्रवार को पीएचसी लेकर पहुंचे। यहां डाक्टर वाजिद जमील द्वारा उनका उपचार किया जा रहा है।
डाक्टर वाजिद जमील ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण ठंडी और गर्मी के साथ-साथ बासी भोजन और ठंडा पानी पीने से पेट खराब होने की समस्या बढ़ रही है। इसके साथ ही बुखार और सर्दी के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने सभी लोगों को सलाह दी है कि वे बासी भोजन से बचें, उबला हुआ पानी पिएं और मछली का सेवन न करें। डाक्टर ने यह भी बताया कि तीनों मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है, जिससे परिवारों में राहत की भावना है।
इस प्रकार की बीमारियों के बढ़ने का मुख्य कारण मौसमी बदलाव और खान-पान की आदतें हैं। विशेषकर, गर्मी और ठंड के बीच के मौसम में लोग अक्सर बासी भोजन का सेवन कर लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। डाक्टर वाजिद ने बताया कि इस समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि लोग इन बीमारियों से बच सकें।
पीएचसी पटेहरा में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी की जा रही है। डाक्टरों की टीम ने मरीजों को आवश्यक दवाइयां दी हैं और उन्हें आराम करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है, ताकि लोग सही खान-पान और स्वच्छता के प्रति सजग रहें।
इस स्थिति में, स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे लोगों को सही जानकारी और सलाह दें, ताकि इस प्रकार की बीमारियों से बचा जा सके।
सभी नागरिकों को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। इस प्रकार, डायरिया के मरीजों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और डाक्टरों की मेहनत से मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है।
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