जिले के छह जल प्रपातों के विकास पर खर्च होंगे छह करोड़
जनपद के जल प्रपातों को और अधिक सुविधा व सुरक्षा युक्त बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने पहल शुरू कर दी है। सांसद अनुप्रिया पटेल ने इसके लिए पहले प्रस्ताव दिया था जिस पर अब विभाग ने स्वीकृति के लिए शासन को भेजा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद के जल प्रपातों को और अधिक सुविधा व सुरक्षा युक्त बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने पहल शुरू कर दी है। सांसद अनुप्रिया पटेल ने इसके लिए पहले प्रस्ताव दिया था, जिस पर अब विभाग ने स्वीकृति के लिए शासन को भेजा है। प्रस्तावित योजना के अनुसार हर जल प्रपात पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। इन जगहों पर सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इससे इन वाटर फाल पर सैलानियों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी।
जनपद के छह प्रमुख जल प्रपातों टांडा फाल, सिरसी फाल, कुसियरा फाल, खंडजा फाल, विढ़म फाल और लिखनिया दरी के विकास के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पहल की जा रही है। पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक पर्यटन वाराणसी एवं विध्याचल मंडल वाराणसी की तरफ से उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग को इस बाबत एक प्रस्ताव भेजा गया है। इस परियोजना के विकास पर 599.88 लाख अनुमानित लागत निर्धारित किया गया है। इसमें टांडा फाल का पर्यटन विकास पर 99.98 लाख, सिरसी फाल का पर्यटन विकास पर 99.98 लाख, कुसियरा फाल पर 99.98 लाख, खडं़जा फाल पर 99.98 लाख, विढम फाल पर 99.98 लाख व लिखनिया दरी के विकास पर 99.98 लाख खर्च किए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना की स्वीकृति के बाद इन सभी पर्यटक स्थलों पर नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और सुरक्षा के भी उपाय किए जाएंगे।
पर्यटकों के लिए सुविधाएं
योजना के अनुसार सभी जलप्रपातों पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेडिग कराई जाएगी। साथ ही शौचालय, महिलाओं के लिए वेटिग रूम, कैंटीन की सुविधा उपलब्ध होगी ताकि पर्यटक इन जगहों पर ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत कर सकें। इसके साथ ही इन जगहों पर पहुंचने वाले संपर्क मार्गों को विभिन्न विभागों के सहयोग से सही कराया जाएगा ताकि यहां तक पहुंचने की सुगमता हो सके। सभी स्थानों पर प्रकाश व्यवस्था भी दुरुस्त कराई जाएगी।
मड़िहान का अलोपी दरी रमणीय स्थल
जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर चुनार मार्ग पर पड़री से दक्षिण दिशा की ओर स्थित अलोपी दरी बेहद रमणीक जगह है। यह घने जंगलों के बीच बेहद सुंदर वातावरण के बीच स्थित है। यहां का प्राकृतिक नजारा बेहद ही सुंदर है। पहाड़ियों के बीच से कल-कल कर झरने से आती आवाज सैलानियों को किसी मधुर संगीत से कम नहीं लगता। इस जगह पर पर्यटक न सिर्फ पिकनिक मनाते हैं बल्कि बाटी-चोखा भी खूब बनाया जाता है।
लोग बोले
जनपद में जितने पर्यटक स्थल हैं, उनको सही तरह से संवारा जाए तो यहां पर संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। इन स्थानों पर सुरक्षा के उपाय पहले अपनाए जाने चाहिए।
- सुरेंद्र कुमार
पर्यटक स्थलों की सबसे बड़ी समस्या सड़कों की है। किसी भी जगह पहुंचने के लिए अच्छी सड़कें नहीं हैं जिसकी वजह से सैलानी यहां आने से कतराते हैं। इस पर काम होना चाहिए।
- इंद्रजीत सिंह
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वर्जन
पर्यटन विकास के लिए प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। विध्याचल मंडल पर विशेष ध्यान है। यहां के वाटर फाल के विकास की योजना को जल्द मूर्तरूप दिया जाएगा।
- आनंद कुमार सिंह, मंडलायुक्त
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