'मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा...', SDM ने कुछ इस अंदाज में ड्राइवर को दी विदाई, फेयरवेल में हर कोई हुआ इमोशनल
मिर्जापुर के मड़िहान तहसील के एसडीएम ने शनिवार को अपने ड्राइवर के लिए फेयरवेल कार्यक्रम रखा। इस दौरान उन्होंने मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिए गीत गाया। राजकुमार एसडीएम के लिए पिछले 30 सालों से ड्राइवर के रूप में सेवा दे रहे थे। राजकुमार की विदाई समारोह में हर कोई भावुक हो उठा। उन्हें रामचरितमानस और शॉल देकर सम्मानित भी किया गया।

जागरण संवाददाता, मिर्जापुर। मड़िहान तहसील के सभागार में शनिवार की शाम को एसडीएम के ड्राइवर राजकुमार के सम्मान और विदाई समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम एक भावुक मौके पर आयोजित किया गया, जहां उप जिलाधिकारी युगांतर त्रिपाठी ने अपने ड्राइवर को सम्मान देते हुए उन्हें विदाई दी।
समारोह में युगांतर त्रिपाठी ने गीत गाकर राजकुमार को विदाई दी। साथ ही रामचरितमानस और शॉल देकर उन्हें सम्मानित किया। एसडीएम ने अपने भावनाओं को व्यक्त करते हुए राजकुमार के साथ बिताए समय को याद किया और गाड़ी का गेट खोलकर उन्हें उनके घर तक भी छोड़ा। विदाई समारोह में एसडीएम के अलावा तहसील के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।
1995 में एसडीएम के ड्राइवर थे राजकुमार
राजकुमार मड़िहान तहसील में 1995 से एसडीएम के चालक के रूप में सेवा दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी ईमानदारी, समर्पण और मेहनत से तहसील प्रशासन में एक विशेष पहचान बनाई थी। उनकी सेवा और व्यवहार की सभी ने सराहना की।

नायब तहसीलदार लालचंद ने इस मौके पर कहा कि राजकुमार अब सेवा से अलग हो रहे हैं, लेकिन वे लोगों से कभी अलग नहीं होंगे। उन्होंने कहा, "नौकरी के दौरान इंसान अपना कामकाजी स्थान ही अपना परिवार मानता है, लेकिन अब उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा।"
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राजकुमार की मेहनत और ईमानदारी की सराहना सभी ने की
समारोह में तहसील के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों ने भी राजकुमार की मेहनत और निष्ठा की सराहना की। आपूर्ति निरीक्षक पुष्कर कुमार चौरसिया, कोटेदार संघ अध्यक्ष राजगढ़ राधेश्याम सिंह, सत्यम सिंह, समरेश आजाद, विनीत तिवारी, विंध्यवासिनी पांडेय, कमलभान सिंह, कुंवर प्रसाद, कृष्ण सिंह, विद्या शंकर कुशवाहा, राकेश शुक्ला, प्रभात सिंह, अनिल पाल सहित कई सम्मानित लोग इस अवसर पर मौजूद थे।
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लेखपाल को भी किया गया सम्मानित
इस दौरान तहसील के लेखपाल भारत लाल को भी सम्मानित किया गया। उन्हें रामचरितमानस और स्मृति चिह्न देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस पूरे कार्यक्रम में एक भावुक और सम्मानजनक माहौल था, जहां सभी ने एक-दूसरे के प्रति अपनी कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त किया।
राजकुमार की विदाई को लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच गहरे भावनात्मक रिश्ते और सम्मान का अनुभव हुआ। यह कार्यक्रम उनके लंबे समय की सेवा के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक बन गया।
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