प्राचार्य व शिक्षकों की कमी से जूझ रहे संस्कृत कालेज
विध्य क्षेत्र में चल रहे संस्कृत महाविद्यालय वर्तमान समय में प्राचार्य व शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं इन महाविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। श्री गोस्वामी तुलसीदास संस्कृत महाविद्यालय जमालपुर सहित सभी महाविद्यालय केवल कार्यवाहक प्राचार्यो के भरोसे चल रहे हैं। कई विद्यालय तो एक ही शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विध्य क्षेत्र में चल रहे संस्कृत महाविद्यालय वर्तमान समय में प्राचार्य व शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, इन महाविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। श्री गोस्वामी तुलसीदास संस्कृत महाविद्यालय जमालपुर सहित सभी महाविद्यालय केवल कार्यवाहक प्राचार्यो के भरोसे चल रहे हैं। कई विद्यालय तो एक ही शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं।
जनपद में सनातन भैरव शंकर ब्रम्ह संयुक्त महाविद्यालय बरियाघाट, आदर्श शिव प्रसाद संस्कृत महाविद्यालय ड्रमंडगंज, भागीरथी ट्रस्ट संस्कृत महाविद्यालय चुनार, श्री गोस्वामी तुलसीदास संस्कृत महाविद्यालय चुनार, श्री भुवनेश्वरी संस्कृत महाविद्यालय बिहसड़ा छानबे सहित लगभग छह सहायता प्राप्त अशासकीय संस्कृत महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं। प्रत्येक संस्कृत महाविद्यालय में शास्त्री (बीए प्रथम वर्ष) में 60 सीटों पर प्रवेश लिया जाता है। महाविद्यालयों में प्राचार्य के स्वीकृत पदों में से किसी भी महाविद्यालय में प्राचार्य की तैनाती नहीं हो सकी है, सभी में प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसी तरह महाविद्यालयों में प्रवक्ता, सहायक अध्यापक के स्वीकृत पदों में से आधे रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में इन महाविद्यालयों में प्रवेश और पठन पाठन का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों का भविष्य अंधेरे में पड़ा हुआ है।
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शिक्षकों की तैनाती आयोग द्वारा की जाती है, इसके लिए पत्राचार किया गया है। शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
- देवकी सिंह, डीआईओएस, मीरजापुर।
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