पंच तत्व का ग्रंथ है रामचरित मानस
यूनियन बैंक अदलहाट के परिसर में श्रीरामचरित मानस कथा वाचक मानस राज हंस आचार्य स्वामी तुलसी किकर महराज ने विधि विधान से रामदरबार व हनुमान जी का पूजन करने के बाद कथा का शुभारंभ किया। उन्होंने रामचरित मानस को पंचतत्वों का ग्रंथ बताया।
जासं, अदलहाट (मीरजापुर) : यूनियन बैंक अदलहाट के परिसर में श्रीरामचरित मानस कथा वाचक मानस राज हंस आचार्य स्वामी तुलसी किकर महराज ने विधि विधान से रामदरबार व हनुमान जी का पूजन करने के बाद कथा का शुभारंभ किया। उन्होंने रामचरित मानस को पंचतत्वों का ग्रंथ बताया।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी तत्व भरत जी है, जल तत्व लक्ष्मण जी, अग्नि तत्व सीता जी, वायु तत्व हनुमान जी और आकाश तत्व शत्रुघ्न जी है। इन पांचों तत्वों का वृहद रुप से वर्णन करते हुए सभी तत्वों का उदाहरण रामचरित मानस की चौपाइयों से किया। इन सभी तत्वों की कमी होने पर मनुष्य कुछ दिन जीवित रह सकता है, परन्तु यदि वायु तत्व बंद हो जाएं तो मनुष्य तुरंत मर जाता है। इसलिए हनुमान जी जो वायु तत्व है, उनकी कृपा से सभी शुभअवसर आते है। कथा के बाद आयोजक छेदी लाल गुप्त ने प्रसाद वितरण किया। इस अवसर पर वरुण देव सिंह, विनोद मिश्र, कांती देवी, रेखा जायसवाल, चंद्रावती गुप्त, किशोरी गुप्त, भोलानाथ, रामसूरत, राजेंद्र प्रसाद, सुशील यादव आदि रहे।
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