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विध्य पर्वत के अप्रतिम सौंदर्य से रोमांचित करेगा पूर्वांचल का पहला रोप-वे

कमलेश्वर शरण मीरजापुर देश-विदेश से विध्यधाम आने वाले श्रद्धालु अब रोप-वे पर सवारी कर ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 08:07 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 08:07 PM (IST)
विध्य पर्वत के अप्रतिम सौंदर्य से रोमांचित करेगा पूर्वांचल का पहला रोप-वे
विध्य पर्वत के अप्रतिम सौंदर्य से रोमांचित करेगा पूर्वांचल का पहला रोप-वे

कमलेश्वर शरण, मीरजापुर : देश-विदेश से विध्यधाम आने वाले श्रद्धालु अब रोप-वे पर सवारी कर विध्य-गंगा का संगम निहार सकेंगे। वहीं रोप-वे विध्य पर्वत के अप्रतिम सौंदर्य से रोमांचित करेगा। रोप-वे संचालन शुरू होने से विध्यवासियों ने खुशी जताई। रोप-वे चालू होने से पर्यटकों की संख्या तो बढ़ेगी ही, साथ ही विभाग को लाभ होगा।

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विध्यधाम की महत्ता और मान्यता किसी से छिपी नहीं है। प्रतिदिन सैकड़ों-हजारों श्रद्धालु मां विध्यवासिनी के दर्शन के लिए विध्यधाम आते हैं। विध्य पर्वत पर विराजमान अष्टभुजा व काली माता मंदिर तक करीब डेढ़ सौ सीढिय़ां चढ़कर जाना होता है। जहां सीढिय़ां नहीं हैं, वहां समतल चढ़ाव भी श्रद्धालुओं के लिए खासा थकान भरा होता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इन्हीं सब परेशानियों को दूर करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोप-वे का उद्घाटन किया। उद्घाटन न होने से रोप-वे एक वर्ष से बंद पड़ा था। अब श्रद्धालु किसी भी दिन-किसी भी समय रोप-वे की सवारी कर अपनी हसरत पूरी कर सकेंगे। दस मिनट में पूरी होगी त्रिकोण परिक्रमा

अष्टभुजा पहाड़ी पर पैदल त्रिकोण यात्रा पूरी करने में करीब एक घंटे का समय लगता है। कालीखोह मंदिर से ऊपर सीढि़यों से चढऩे में ही 20 से 25 मिनट लग जाते हैं। रोप-वे से यह दूरी मात्र दस मिनट में पूरी हो जाएगी। ऐसे में बुजुर्ग दर्शनार्थियों को काफी राहत होती और पैदल चलने की बजाय वे रोप-वे के माध्यम से त्रिकोण पूरा कर पाएंगे। 265 मीटर ऊंचे रोप-वे के चालू होने से दर्शनार्थियों को अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर तक पहुंचने में सिर्फ दो मिनट लगेंगे। सुरक्षा की ²ष्टि से आटोमैटिक गेट लगाए गए

पर्यटक अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि विध्यवासिनी मंदिर से दो किलोमीटर दूर विध्य पर्वत पर विराजमान अष्टभुजा व कालीखोहर मंदिर तक पहुंचने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने रोप-वे इंपैक्स प्राइवेट लिमिटेड से 16 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी माडल पर रोप-वे का निर्माण कराया है। अष्टभुजा रोप-वे की लंबाई 296 व कालीखोहर रोप-वे की लंबाई 167 मीटर है। रोप-वे से अष्टभुजा मंदिर तक जाने के लिए तीन व वापस आने के लिए भी तीन केबिन है। वहीं कालीखोह मंदिर तक पहुंचने के लिए दो व वापस आने के लिए भी दो केबिन है। एक केबिन में चार व्यक्ति उड़ान भर सकेंगे। अष्टभुजा से रोप-वे का टिकट शुल्क 75 तो कालीखोह से रोप-वे का टिकट शुल्क 50 रुपये है। सुरक्षा की ²ष्टि से आटोमैटिक गेट लगाए गए हैं।


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