Mirzapur News: कोरोना से निपटने के लिए मेडिकल कॉलेज से लेकर CHC-PHC तक में तैयारी शुरू
कोरोना-19 के नया वेरिएंट ने दुनिया के कई देशों के साथ एक बार फिर देश के कुछ प्रांतों में दस्तक दे दी है। तीसरी बार कोविड की बढ़ते दायरे को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के अस्पताल से लेकर जिलेभर के अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। पिछली बार की अपेक्षा इस बार और तगड़ी तैयारी की जा रही है।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। कोरोना-19 के नया वेरिएंट ने दुनिया के कई देशों के साथ एक बार फिर देश के कुछ प्रांतों में दस्तक दे दी है। तीसरी बार कोविड की बढ़ते दायरे को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के अस्पताल से लेकर जिलेभर के अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। पिछली बार की अपेक्षा इस बार और तगड़ी तैयारी की जा रही है। ताकि मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज देकर उन्हें स्वस्थ किया जा सके। इसके लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के साथ ही आइसीयू व वेंटीलेटर से लेकर दवाओं की उपलब्धता, जांच किट आदि पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही साथ सबसे बड़ी जरूरत स्टाफ की है जो पिछली बार की अपेक्षा इस बार जिले में दोगुना है।
वर्ष 2019-20 में कोविड ने पूरे देश में अपना कहर बरपाया था। जिसकी जद में आने पर सैंकड़ों लोगों की जान चली गई है। पहली बार आए इस संक्रमण के बारे में अधिक जानकारी नहीं होने पर अधिकांश लोगों का समय पर इलाज नहीं हो पाने के कारण कई लोग शिकार हो गए। हालांकि, जितनी व्यवस्था थी उतने में ही सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर स्थिति को बेहतर बनाने का काम किया था।
यही कारण रहा कि हमारे देश में अन्य देशाें की अपेक्षा यहां पर कोविड से कम क्षति हुई थी। एक बार फिर देश के केरल व महाराष्ट्र में में कोविड-19 के नए वैरिएंट से पीड़ित लोग मिले हैं। बताया जा रहा कि 257 लोग इस रोग से पीड़ित हो चुके और दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसको देखते हुए जनपद के स्वास्थ्य महकमे की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध मंडलीय चिकित्सालय में कोविड से निपटने के लिए आइसीयू को तैयार कर लिया गया है। जांच केंद्र भी अपडेट हाे रहा है।
इसमें आरटीपीआर व आरएटी की किट से जांच की जाएगी। इसके अलावा आक्सीजन प्लांट, दवाओं की उपलब्धता, मास्क व स्टाफ की व्यवस्था की गई है। जिससे कोविड रोगियों का बेहतर तरीके से जांच व इलाज किया जा सके।
मरीज पहले किए जाएंगे होम आइसोलेट
जिले में कोविड के मरीज मिलने पर सबसे पहले उसे होम आइसोलेट किया जाएगा। उनके घर पर ही दवाएं दी जाएंगी। उनको सतर्कता के बारे में बताया जाएगा। हालत गंभीर होने पर उन्हें जिले में कोविड रोगों के लिए बनाए गए अस्पताल में लाकर भर्ती कराया जाएगा।
जनपद में कितने हैं अस्पताल
1- मेडिकल कालेज का अस्पताल 300 बेड
2- आठ सीएचसी- 30-30 बेड
3- आठ पीएचसी- आठ-आठ बेड
4- 38 न्यू पीएचसी, तीन-तीन बेड
स्टाफ की कितनी व्यवस्था
1- मेडिकल कालेज में 60 डॉक्टर
2- 150 स्टाफ नर्स
3- 125 वार्ड ब्वॉय
4- 15 लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन
5- सहित अन्य स्टाफ कुल 500 स्टाफ
स्वास्थ्य विभाग सीएमओ अंडर
1- 160 डॉक्टर
2- 105 स्टाफ नर्स
3- 120 वार्ड ब्वॉय
4- 14 लैब व एक्स-रे टेक्नीशियन
कितने ऑक्सीजन प्लांट
1- मेडिकल कॉलेज में चार आक्सीजन, तीन चालू हालत में, एक बंद
2- अंडर सीएमओ एक विंध्याचल में आक्सीजन प्लांट
3- एक आक्सीजन प्लांट की 150 लीटर प्रति घंटे, दूसरा 300 लीटर आक्सीजन प्रतिघंंटे, तीसरा 950 लीटर प्रतिघंटे, चौथा 150 लीटर प्रतिघंटे उत्पादन क्षमता
कितने आईसीयू
1- मेडिकल कालेज में छह बेड का एक आइसीयू सेंटर
2- दस वेंटीलेटर छोटे व बड़े मौजूद ।
जिले में कुल 62 एंबुलेंस
- जिले में 108 की 30 व 102 की 30 एंबुलेंस हैं। दो एलएस एंबुलेंस है। जरूरत पड़ने पर और व्यवस्था कराई जाएगी।
- कोविड रोगियों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। पर्याप्त मात्रा में स्टाफ है, तीन ऑक्सीजन प्लांट चालू है एक को चालू कराने का प्रयास जारी है। उसे भी जल्द चालू करा दिया जाएगा। जो जरूरत होगी उसकी व्यवस्था कराई जाएगी। फिलहाल तैयारी शुरू कर दी गई है।
- डॉ. संजीव कुमार सिंह, प्राचार्य, मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मीरजापुर।
- मेडिकल कालेज से संबद्ध मंडलीय चिकित्सालय में छह बेड का आइसीयू हैं इसमें वेंटीलेटर आदि की सुविधा है। इसको संचालित करने के लिए अस्पताल में छह बेहोशी के डाक्टर व टेक्नीशियन मौजूद हैं। छह बेड का और आइसीयू बनाया जा रहा है। जो जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। इस बार आक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी।
- डॉ. सुनील कुमार सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध मंडलीय चिकित्सालय, मीरजापुर।
कोविड के मरीजों के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। हालांकि, यहां पर अभी तक एक भी मरीज नहीं मिले है, फिर भी तैयारी शुरू कर दी गई है। सारी व्यवस्था पहले से ही है बस उसे अमलीजामा पहनाना है। पिछले बार से बेहतर इस बार तैयारी है।- डॉ. सीएल वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी, मीरजापुर।
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