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    Pension Update: पेंशन को लेकर आ गया बड़ा अपडेट, अब नहीं किया ये काम तो अटक जाएगा आपका पैसा

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Wed, 25 Jun 2025 09:44 PM (IST)

    कोषागार विभाग ने पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के खातों से गलत निकासी रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। अब यदि तीन महीने तक पेंशन नहीं निकाली जाती है, तो बैंक को कोषागार को सूचित करना होगा। यह व्यवस्था जून 2025 से प्रभावी है। पेंशनरों को हर साल नवंबर में जीवित प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। नए निर्देशों के अनुसार, पेंशन खाते केवल पति-पत्नी के साथ संयुक्त रूप से खोले जा सकते हैं, जिससे पेंशन सुरक्षित रहे और अनधिकृत उपयोग रोका जा सके।  

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    मिलन गुप्ता, मीरजापुर। पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के खातों से गलत निकासी रोकने के लिए कोषागार विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। अब किसी पेंशनर के खाते से लगातार तीन माह तक पेंशन का पैसा नहीं निकाला जाता है तो संबंधित बैंक को इसकी सूचना कोषागार को देनी होगी। यह निर्देश प्रदेश के वित्त विभाग ने दिया है।

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    मीरजापुर की मुख्य कोषाधिकारी अर्चना त्रिपाठी ने बताया कि जनपद के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के शाखा प्रबंधकों को इस संबंध में पत्र भेजकर पेंशनरों की सूची उपलब्ध कराई है। बैंक की रिपोर्ट के बाद कोषागार अधिकारी पेंशनर से संपर्क करेंगे। उनके जीवित होने की पुष्टि पर पेंशन जारी रहेगी।

    पेंशनरों को हर साल नवंबर में जीवित प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर पेंशन बंद हो सकती है। हालांकि प्रमाण पत्र जमा करने के बाद पेंशन पुनः शुरू की जा सकती है। लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (एलडीएम) अभिषेक कुमार ने बताया कि सभी शाखा प्रबंधकों को पेंशन खातों की निगरानी और जीवन प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए निर्देश दिए गए हैं।

    यह व्यवस्था जून 2025 से लागू हो चुकी है। मुख्य कोषाधिकारी अर्चना त्रिपाठी ने कहा कि यह कदम पेंशनरों के हित में है, ताकि उनकी पेंशन सुरक्षित रहे और अनधिकृत उपयोग रोका जा सके। नए निर्देशों के अनुसार, पेंशन खाता केवल पति-पत्नी के नाम से संयुक्त रूप से खोला जा सकता है। किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त पेंशन खाता संचालित नहीं होगा।

    कोई खाता किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से है, तो उसे निरस्त कर एकल खाता बनाया जाएगा। पेंशनर या पारिवारिक पेंशनर की मृत्यु हो जाने की स्थिति में बैंक को मृत्यु प्रमाण पत्र या मृत्यु की तिथि के साथ कोषागार को पत्र भेजकर सूचना देनी होगी। इससे अवशेष पेंशन राशि की वसूली में आसानी होगी। कोषागार द्वारा भेजी गई पेंशनरों की सूची के आधार पर बैंक खातों को पेंशन खाते के रूप में चिह्नित करेंगे।