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    श्री तारकेश्वर महादेव

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 17 Jul 2019 09:50 PM (IST)

    शहर के मध्य रैदानी कालोनी के पास स्थित श्री तारकेश्वर महादेव मंदिर जिले के अति प्राचीन मंदिरों में एक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो वास्तविक तारकेश्वर मंदिर रहा वह गंगा में विलीन हो चुका है। उसी जगह गंगा किनारे बना यह मंदिर भी सैकड़ों वर्ष पुराना बताया जाता है। इस मंदिर के बारे में अनेक कहानियां प्रचलित हैं।

    श्री तारकेश्वर महादेव

    जासं, मीरजापुर : शहर के मध्य रैदानी कालोनी के पास स्थित श्री तारकेश्वर महादेव मंदिर जिले के अति प्राचीन मंदिरों में एक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो वास्तविक तारकेश्वर मंदिर रहा वह गंगा में विलीन हो चुका है। उसी जगह गंगा किनारे बना यह मंदिर भी सैकड़ों वर्ष पुराना बताया जाता है। इस मंदिर के बारे में अनेक कहानियां प्रचलित हैं। तारकेश्वर महादेव मंदिर का आख्यान शिव पुराण व औशनस पुराण में भी आता है। अति प्राचीन मंदिर होने के कारण इसकी महिमा भी गाई जाती है। शिवरात्रि व सावन भर इस मंदिर पर मेला लगता है। दूर- दूर से श्रद्धालु यहां आकर शिवजी का दर्शन व पूजन करते हैं।

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    ------------- इतिहास

    मंदिर की स्थापना के बारे में कोई लिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। आसपास के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि उन्होंने भी अपने बुजुर्गों से यह सुना था कि यह अति प्राचीन मंदिर है। इसका इतिहास तकरीबन चार से पांच सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। जनश्रुति के अनुसार श्रीहरि विष्णुजी ने यहां पर दस हजार वर्ष तक तप किया था और अपने एक नेत्र को तारकेश्वर महादेव को चढ़ाया था और बाबा से चार हाथ, सुदर्शन चक्र और कमलनयन नाम प्राप्त किया। समुद्र से उत्पन्न माता लक्ष्मी ने भी महादेव जी को प्रसन्न किया जिससे शिवजी की आंख खुल गई और बेल वृक्ष का जन्म हुआ। माता को मनोवांछित फल देने के साथ ही चार भुजाएं भी दीं। तारकेश्वर महादेव मंदिर से ही मां विध्यवासिनी का त्रिकोण शुरू होता है। जब गंगा का पृथ्वी पर अवतरण नहीं हुआ था तो विध्य पर्वत के इशान कोण जो कि धर्म का कोण माना जाता है, पर तारकेश्वर महादेव विराजमान थे।

    --------- तैयारियां

    सावन के लिए मंदिर की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंदिर में सदैव ही भक्तों की भीड़ रहती है। इसलिए यहां हर समय पूरी व्यवस्था रहती है। प्रति दिन आरती व पूजन अर्चन के बाद बाबा को विश्राम भी दिया जाता है। गंगा किनारे होने के कारण भोर से ही श्रद्घालुओं का तांता लगने लगता है। इसलिए प्रकाश संबंधी व्यवस्था पूरी रहती है। पानी और हर जगह की सफाई के लिए लगे कर्मचारी अपना काम नियमित रूप से कर रहे हैं। बरसात में भी बाबा के पूजन के लिए परेशानी न हो इसकी व्यवस्था की गई है।

    -------- शिव की शरण में है कल्याण

    भगवान शिव कल्याणकारी हैं। सत्यम, शिवम, सुंदरम के शिव सदैव सबका कल्याण करते हैं। शिव का अर्थ ही सबका कल्याण करने वाला अर्थात जो निर्विकार रूप से सबका कल्याण करे वही शिव है। बाबा तारकेश्वर महादेव आदि काल से देव, असुर व मानव सभी का कल्याण करते हैं। जो भी उनकी शरण में आता है वह निश्चित रूप से परम तत्व को प्राप्त होता है।

    - शिवमंगल, पुजारी, तारकेश्वर महादेव मंदिर

    ------------ तारकेश्वर महादेव सबका कल्याण करते हैं

    बाबा तारकेश्वर महादेव सबका कल्याण करते हैं। यह मंदिर आदिकाल से ही लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। यहां पर लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही वजह है कि इस मंदिर में श्रद्धालुओं का दिन भर तांता लगा रहता है चाहे कोई पर्व हो या न हो।

    - संतोष गोयल, श्रद्धालु

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