बेड़हवां प्लांटेशन से गांव की ओर बढ़ रही आग
जागरण संवाददाता हलिया (मीरजापुर) ड्रमंडगंज रेंज के जंगलों में लगी आठ दिनों से आग लगभग

जागरण संवाददाता, हलिया (मीरजापुर): ड्रमंडगंज रेंज के जंगलों में लगी आठ दिनों से आग लगभग 30 किलोमीटर तक फैल चुकी है। रविवार की देर रात आग पहाड़ियों से होकर वन विभाग के इंद्रवार गांव के बेड़हवा प्लांटेशन तक पहुंच गई। आग किसानों के खेतों की ओर बढ़ने लगी जिसको देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए। आग बुझाने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण प्रयास करते हुए गांव पहुंचे और इसकी सूचना एसडीएम अमित शुक्ला व फायर ब्रिगेड तथा पुलिस को दी। एसडीएम ने तत्काल एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार को मौके पर पहुंचकर आग बुझाने के लिए भेजा। एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम वनक्षेत्राधिकारी वीरेंद्र कुमार तिवारी के साथ मौके पर पहुंची और अथक प्रयास करने के बाद आग पर काबू पा लिया।
पिछले आठ दिनों में जंगल में लगी आग लहुरियादह से होते हुए ड्रमंडगंज पहाड़ पर आ गई और जंगल जलने लगा। इसकी जानकारी होने पर एनडीआरएफ, वन विभाग की टीम के साथ रात्रि में आग बुझाने पहुंची। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जंगल में आग पहाड़ियों पर होने से एनडीआरएफ व वन विभाग की टीम को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आग को बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं होने से समस्या आ रही है। हरे पड़ों की छाली से पीटकर आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है । इससे हवाओं के चलने से आग पुन: धधक जा रही है। आठ दिनों से जंगल में आग के कारण वन संपदा की काफी क्षति हुई पहुंच रही है। जंगली पौधों के साथ जीव जंतु भी आग की चपेट में आ रहे है। ड्रमंडगंज रेंज के लहुरियादह, बबुरा रघुनाथ सिंह, महोगढी, बंजारी कला, मड़वा धनावल, सोनगढा दिभोर, के जंगलों में लगी आग पर काफी हद तक एनडीआरएफ व वन विभाग की टीम ने काबू पा लिया है। आग अभी भी पूरी तरह से बुझ नहीं है। जंगल के दुर्गम पहाड़ियों तक आग पहुंचने से एनडीआरएफ की टीम भी परेशान हो रही है। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार ने बताया कि पहाड़ियों पर आग होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है फिर भी आग पर काबू पाया गया है। वन में लगी आग हजारों पेड़ जले, ग्रामीणों की तत्परता से बुझी आग
कलवारी : मड़िहान के धुरकर वन में शॉर्ट सर्किट होने से सोमवार को आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। संजोग था कि आग की लपटे गेहूं की फसल तक नहीं पहुंची नहीं को बड़ी घटना हो जाती है। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए पेड़ की टहनियों को तोड़कर आग को पीट पीट कर बुझा दिया।
बताया कि हवा कम चलने के कारण आग अधिक दूर तक नहीं फैल सकी। स्थानीय लोगों ने सबमर्सिबल आदि चलाकर आग को बुझाया। जब तक आग को बुझाया गया तबतक लगभग 1000 पौंधे झुलस चुके थे। पौधों के जलने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो वन उजड़ गया है। इस तपती गर्मी में शॉर्ट सर्किट से निकली चिगारी शोला बनकर कहर भरपा रही है। ग्राम वन में सागौन, बरगद, कौहा अन्य कीमती पेड़ पौधे हैं जो आग की जद में आकर झुलस गए हैं। इस दौरान ग्रामीण संजय पाल, लच्छनधारी, छोटू पाल महेश ,कल्लू पांडे ,चुंडी पांडे ,लालू पाल आदि की सतर्कता से देहाती तौर तरीके से अपनाकर आग पर काबू पा लिया।
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