मां की तपस्या ने बेटे को बनाया आइएएस अधिकारी
मझवां ब्लाक के आही गांव निवासी गरीब महिला ने पुरानी परंपराओं को न सिर्फ नजरअंदाज किया बल्कि अपने बच्चों को उच्च शिक्षा की राह दिखाई। माता-पिता की तपस्या का ही परिणाम रहा कि एक बेटा जहां लोको पायलट के लिए चयनित हुए वहीं दूसरे बेटे ने आइएएस बनकर इतिहास रच दिया। इनकी तीन बेटियां भी उच्च शिक्षा प्राप्त करके विभिन्न पदों को सुशोभित कर रही हैं।
संतोष कुमार सिंह, जमुआं (मीरजापुर) : मझवां ब्लाक के आही गांव निवासी गरीब महिला ने पुरानी परंपराओं को न सिर्फ नजरअंदाज किया बल्कि अपने बच्चों को उच्च शिक्षा की राह दिखाई। माता-पिता की तपस्या का ही परिणाम रहा कि एक बेटा जहां लोको पायलट के लिए चयनित हुआ, वहीं दूसरे बेटे ने आइएएस बनकर इतिहास रच दिया। तीन बेटियां भी उच्च शिक्षा प्राप्त करके विभिन्न पदों को सुशोभित कर रही हैं।
मझवां ब्लाक के ग्राम सभा आही की चमेला देवी पत्नी स्व. स्वामीनाथ के दो पुत्र व पांच पुत्रियां हैं। इनमें से एक भाई व तीन बहनों से छोटे रामप्रकाश वर्मा आइएएस अधिकारी बनने में कामयाब रहे। रामप्रकाश वर्मा के माता-पिता गांव में छोटे किसान रहे। इनके बड़े पुत्र जयप्रकाश वर्मा जो कि लोको पायलट के पद पर भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। तीन बहनों को भी मां ने कभी पढ़ाई के लिए नहीं रोका, परास्नातक की पढ़ाई कराई। आइएएस रामप्रकाश की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल पर हुई। कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरायनपुर से की। हाईस्कूल की शिक्षा अंबिका प्रसाद सिंह इंटरमीडिएट कालेज भैरोनाथ से की। इंटरमीडिएट की शिक्षा शिवमूर्ति शिक्षण संस्थान रोहनियां से उत्तीर्ण की। सबसे ज्यादा अंक पाने की वजह से विद्यालय प्रबंधक ने किसान पिता को बुलाकर सहयोग किया। वाराणसी के दर्गाकुंड स्थित कोचिग में दाखिला दिलवाया। यहां से रामप्रकाश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आइआइटी गांधीनगर के लिए चयनित हुआ। इसी बीच पिता स्वामीनाथ का देहांत हो गया लेकिन मां ने हार नहीं मानी। मां का सपना था कि हमारा बेटा कलेक्टर बने। इसके बाद वे दिल्ली में गए जहां कड़ी मेहनत करके आइएएस की परीक्षा पास की। राम प्रकाश वर्मा के अधिकारी बनने पर मां चमेला देवी ने कहा कि आज मुझे तपस्या का फल मिल गया।
राजस्थान के बांसवाड़ा में तैनात
वर्तमान में रामप्रकाश वर्मा की तैनाती सहायक कलेक्टर बांसवाड़ा, राजस्थान में है। कोरोना जैसी अदृश्य महामारी की रोकथाम के लिए सहायक नोडल अधिकारी बांसवाड़ा व जिला रसद अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। राम प्रकाश वर्मा की शादी पिछले वर्ष मीरजापुर के पूर्व सीडीओ अमित कुमार सिंह की बहन से हुई जो आइएएस की तैयारी कर रही हैं।
तपस्या सफल, दिया धन्यवाद
गरीब महिला किसान चमेला देवी कहती हैं कि हमारे रामप्रकाश ने हमारे घर-परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र को प्रकाशवान कर दिया है। हम सभी को कभी-कभी महसूस होता है कि हमारी कड़ी तपस्या का फल हमें अब जाकर मिला। इसके लिए ईश्वर को बारंबार धन्यवाद है। कहा कि सभी माताओं को अपने बच्चों को पढ़ाई व मेहनत का संस्कार देना चाहिए।
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