विंध्यधाम से धार्मिक पर्यटन को मिली तेज रफ्तार, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिला बढ़ावा
मिर्जापुर में माँ विंध्यवासिनी धाम के नवीनीकरण के बाद धार्मिक पर्यटन में भारी वृद्धि हुई है। प्रयागराज महाकुंभ 2025 में इसका प्रमाण मिला जिसकी शुरुआत शारदीय नवरात्र से हुई। नवरात्र में 35 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। महाकुंभ के दौरान लगभग सवा करोड़ लोगों ने यात्रा की जिससे विंध्य क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ।

अरुण कुमार मिश्रा, जागरण, मिर्जापुर। मां विंध्यवासिनी धाम का स्वरूप नव्य-भव्य होते ही यहां धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण प्रयागराज महाकुंभ 2025 में दिखा। हालांकि इसकी शुरुआत एक साल पहले पड़ने वाले शारदीय नवरात्र से ही हो गई थी।
नवरात्र के दिनों में 35 लाख श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया। वास्तव में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले नहीं आए लेकिन बाद के दिनों में बदले परिदृश्य से धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
महाकुंभ के एक माह के दौरान लगभग सवा करोड़ लोगों ने यहां यात्रा की। इसका असर यह हुआ कि इसके चलते विंध्य क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। रुपये के इस प्रवाह को अर्थजगत के विशेषज्ञ ने रिपल इफैक्ट (तरंग प्रभाव) बताया। विंध्याचल में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ से आमदनी का चौतरफा दरवाजा खुल गया है इसमें हर वर्ग के लोगों को लाभ मिला है।
दुकानदारों की बढ़ गई आय
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से इस क्षेत्र के बाजार में भी उछाल आया। पटरियों पर फूल माला और प्रसाद की बिक्री करने वाले अच्छा कारोबार कर गए। विंध्याचल में फूल माला बेचने वाले दशरथ बताते हैं कि उम्मीद से अधिक मां भगवती ने दिया है। प्रतिदिन दो से तीन हजार कमा लिए। कई दिन तो माला भी कम पड़ गए।

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