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    बच्चा सुस्त दिखे तो समझ लीजिए पानी की हो रही कमी

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 09:10 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर : गर्मी के मौसम में खानपान पर ध्यान न देने पर बच्चे डायरिया व बुखार से पीड़ ...और पढ़ें

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    बच्चा सुस्त दिखे तो समझ लीजिए पानी की हो रही कमी

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर : गर्मी के मौसम में खानपान पर ध्यान न देने पर बच्चे डायरिया व बुखार से पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे में उनके स्वजन को परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसा न हो इसके लिए पहले से ही सावधान रहें। उनका ध्यान रखें। इस मौसम में बच्चा सुस्त दिखाई दे तो समझ लीजिए की उसमें पानी की कमी हो रही है। उसे पानी अधिक पिलाने का प्रयास करें। छोटा बच्चा है तो उसे सिर्फ मां का दूध पिलाएं। बाहर का दूध पिलाने से उसका पाचन ठीक तरीके से नहीं होता है और वह डायरिया की चपेट में आ जाता है। किसी बच्चे को उल्टी-दस्त शुरू होती है तो सबसे पहले उसे ओआरएस का घोल पिलाएं। घर में ओआरएस नहीं है तो एक ग्लास पानी में थोड़ी चीनी व नमक डालकर पिलाते रहें और डाक्टर के पास ले जाएं। समय पर इलाज करने से बच्चा जल्द ठीक हो जाएगा। बच्चों को धूप से बचाएं। साफ सफाई पर ध्यान रखें। ये बाते बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर विवेक सिंह ने दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो डाक्टर में शामिल होने के दौरान मरीजों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बुधवार को कलेक्ट्रेट रोड स्थित कार्यालय में कही। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-- सवाल : चार साल का बच्चा है, उसका विकास नहीं हो रहा, क्या करें ?

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    जवाब : ऐसा बच्चे के खानपान पर ध्यान न देने से होता है। कुछ बच्चे ऐसे ही होते हैं। समय आने पर विकास हो जाता है। अधिक कमजोर है तो डाक्टर को दिखा कर उचित सलाह लीजिए।

    सवाल : दस साल का बेटा है जो अक्सर सुस्त रहता है ?

    जवाब : गर्मी में लू चलती है, इसमें बहुत कमजोरी महसूस होती है। ऐसे में बच्चो में सुस्ती होती है। उसमें पानी की भी कमी होने लगी है, इसलिए उसे पानी अधिक पिलाएं, ठीक हो जाएगा।

    सवाल : बच्चा एक साल का है, वह सहारा लेकर चलता है कोई दिक्कत तो नहीं ?

    जवाब : उसमें कोई दिक्कत नहीं है। एक साल तक बच्चे सहारे लेकर चलते हैं। वह परेशान नहीं हो आने वाले समय में अपने से चलने लगेगा।

    सवाल : बच्चे को दाद हो गया है, क्या इलाज करें?

    जवाब : गर्मी के मौसम में अक्सर लोगों को दाद हो जाता है। इसके लिए चर्मरोग के डाक्टर को दिखाकर इलाज कराएं।

    सवाल : दस साल का बेटा है। उसके शरीर में इस समय दाने निकल आए है, क्या करें ?

    जवाब : ऐसा एलर्जी से होता है, उसको एलर्जी है। गर्मी से भी दाने निकलते हैं। मौसम ठंडा होगा तो ठीक हो जाएगा, नहीं तो एलर्जी की दवा दे दीजिएगा।

    सवाल : दस साल का बेटा है, उसका पेट नहीं साफ होता है ?

    जवाब : उसके खानपान पर ध्यान दें। अधिक दूध नहीं पिलाएं। सलाद का सेवन कराएं, चिकना फास्टफूड के खाने पर रोक लगाएं।

    सवाल : पांच साल का बेटा है, खाना नहीं खाता है, क्या करें?

    जवाब : उसको अधिक दूध नहीं पिलाएं। बच्चों का पेट छोटा होता है। अधिक दूध पीने से उनका पेट भर जाता है। दूध कम देकर उसकी खाना खाने की आदत डालें ।

    सवाल : मुझे दूध नहीं होता है, बाहर का दूध अपने बेटे को पिलाती हूं तो बीमार हो जाता है ?

    जवाब : बाहर का दूध बच्चों को सूट नहीं कर रहा है। इससे उसका पेट खराब होता होगा। उसे दूध कम पिलाएं और दाल का पानी व चावल दाल खिलाने का प्रयास करें।

    सवाल : तीन महीने के बेटे की नाभी में सूजन है, कैसे ठीक होगा ?

    जवाब : ऐसा छोटे बच्चों में होता है। जैसे-जैसे वे बड़े होंगे, ठीक हो जाएगा। फिर भी ठीक नहीं हुआ को एक छोटा सा आपरेशन कर ठीक कर दिया जाता है।

    सवाल : उनका दस साल का बेटा है। सोते समय उसकी सासों से घर-घराहट की आवाज आती है, क्या करें?

    जवाब : छोटे बच्चों में सर्दी जुकाम के कारण नसों सूजन आ जाती है। इससे साते समय सास अधिक लेने पर घरघराहट की आवाज आने लगती है। वह अपने आप ठीक हो जाएगा।

    सवाल : बच्चे को अक्सर सर्दी जुकाम होता है, कैसे निजात मिलेगी ?

    जवाब : ऐसा एलर्जी के कारण होता है। उसे धूप व सर्दी गर्मी से बचाए आराम मिल जाएगा। फिर भी आराम नहीं मिलता है तो उनको लालडिग्गी आकर दिखाए।

    सवाल : दो महीेन का बच्चा है, तो तीन बाद दस्त करता है, दिक्कत तो नहीं ?

    जवाब : जो छोटे बच्चे होते है वे दो या तीन बाद दस्त करते है। इससे परेशान होने की जरुरत नहीं है। बड़े होंगे ऐसा होना बंद हो जाएगा और एक बार ही दस्त होगी। इन्होंने पूछे प्रश्न

    नेहा मोदनवाल विजयपुर, शांति देवी भावां, रंजीत सिंह अदलहाट, ओपी लाल जमालपुर, दास खान विजयपुर, मालती देवी भावां, रतनीकांत अहरौरा, शिवा सिंह पड़री, नेहा यादव अनगढ़ रोड, सुनील कुमार अहरौरा, लक्ष्मी मोदनवाल भावां, सर्वजीत सिंह मीरजापुर, डा. पुष्पेंद्र सिंह नीबी गहरवार, निशा सिंह नीबी गहरवार, चालीसराम विश्वकर्मा पड़री आदि शामिल रहे।