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    Flood in UP: यूपी के 35 गांवों में घुस गया बाढ़ का पानी, चेतावनी बिंदु के बार पहुंचा गंगा का जलस्तर

    मीरजापुर जिले में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर पहुंच गया है जिससे 35 गांवों में पानी घुस गया है और फसलें डूब गई हैं। कोन ब्लॉक सबसे अधिक प्रभावित है। प्रशासन नुकसान का जायजा ले रहा है और लोगों को मदद करने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ पीड़ितों को अभी तक कोई राहत सामग्री नहीं मिली है और वे ऊंचे स्थानों पर रहने को मजबूर हैं।

    By Prashant Kumar Yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 28 Aug 2025 07:31 PM (IST)
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    चेतावनी बिंदु के बार पहुंचा गंगा बाढ़ का जलस्तर, छह ब्लाक के 35 गांवों में घुसा पानी

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर। जिले में चेतावनी बिंदु 76.724 मीटर को गुरुवार की सुबह गंगा का जलस्तर पाकर करके शाम चार बजे तक 76.850 मीटर तक पहुंच गया है। इससे छह ब्लाक छानबे, कोन, सिटी, पहाड़ी, मझवां व सीखड़ के करीब 50 गांव में पानी घुस गया।

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    वहीं लगभग एक हजार बीघे फसल डूबकर नष्ट हो गई। सबसे अधिक कोन ब्लाक के एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है। प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम सदर व तहसील तथा अन्य कर्मचारी बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंचकर निरीक्षक करते हुए क्षति का जायजा ले रहे है।

    जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने कर्मचारियों से प्रभावित लोगों की मदद करने का निर्देश दिया। वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने क्षेत्रीय से लोगों की सुरक्षा करने के लिए निर्देश दिए है।

    गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 76.724 मीटर को पार करके खतरे के निशान 77.724 मीटर से पौने एक मीटर नीचे बह रहा है। एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहे पानी के चलते जिले के छानबे के डेरवा भटेवरा रोड व बिरोही अरगजा मार्ग पर पानी पहुंच गया है।

    इससे इन मांर्गाे को बंद कर दिया गया है ताकि कोई घटना नहीं हो। वहीं कोन ब्लाक के 25 गांव में घुस गया है। कछवां क्षेत्र के सबेसबर, पिपराही, बरैनी, केवटावीर, धन्नूपुर, गांव तक पानी पहुंच गया है। वहीं पहाड़ी के नान्हूपुर आदि गांव में घुसा हुआ है। उधर चुनार व सीखड़ के गांव के सिवान में पानी घुसा है।

    • - गंगा बाढ़ का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार, बाढ़ पीड़ित परिवार भगवान भरोसे
    • - गंगा बाढ़ का पानी घरों से लेकर आसपास फैला, मजबूर बाढ़ पीड़ित
    • - पशुओं के लिए चारा पशुपालकों के लिए परेशानी का कारण
    • - गंगा बाढ़ से घिरा मझरां के ऊंचाई स्थान पर मजबूर पशुपालक चरा रहे हैं पशुओं को
    • - उप जिलाधिकारी सदर ने राजस्व कर्मियों के साथ बाढ़ इलाके का किया निरीक्षण

    गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण विकास खंड कोन क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के घरों में गंगा बाढ़ का पानी घुस गया है। तटीय इलाकों में गंगा बाढ़ का पानी फैल चुका है। तीसरी बार गंगा में आई बाढ़ से प्रभावित गांव में अधिकारियों का आना-जाना लगा है ,किंतु बाढ़ राहत के नाम पर लंच पैकेट इत्यादि बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया। बाढ़ से प्रभावित बाढ़ पीड़ित परिवार भगवान भरोसे ऊंचाई वाले स्थान घरों के छतों पर में रह रहे हैं।

    कोन ब्लाक में गंगा बाढ़ का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार करने के पश्चात हरसिंहपुर, मल्लेपुर, पूरवा, मठिया, बल्लीपरवा गांव के दलित बस्तियों में गंगा बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है ,जिससे बाढ़ पीड़ित परिवार ऊंचाई वाले स्थान पर अथवा छतो पर रह रहे हैं।

    हरसिंहपुर गांव के मयाशंकर सरोज, करिया सरोज, झगड़, राम अवतार, मुरली, संजय आदि लोगों के घरों में गंगा बाढ़ का पानी घुस गया है। जबकि मल्लेपुर गांव के हरिशंकर ,गुड्डू यादव, राजदेव यादव आदि के घरों में गंगा बाढ़ का पानी घुस गया है । सभी लोग ऊंचाई वाली स्थान पर हैं अथवा छत पर रह रहे हैं । उक्त दोनों गांव के लगभग चार दर्जन परिवार से अधिक गंगा बाढ़ से प्रभावित हैं।

    इसके अतिरिक्त क्षेत्र के मठिया, पूरवा, बल्लीपरवा का दलित कॉलोनी के परिवार गंगा बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। क्षेत्र के तटीय गांव के गंगा बाढ़ का पानी मिश्रधाप, चेकसारी ,बल्लीपरवा, कोल्हुआ मझिगवां, पचेवरा ,भोगांव, मुजेहरा कला, मुजेहराखुर्द,करेरूआ, गहिया, आदि गांव के खेतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है।

    बाढ़ के कारण पशुओं के लिए चारा का संकट

    गंगा बाढ़ से प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा अब तक कोई खाने पीने की व्यवस्था नहीं किया गया है। न तो पशुपालकों के लिए पशुओं को चारा का व्यवस्था हुआ है, जिससे पूरा जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बहरहाल क्षेत्र में उप जिलाधिकारी सदर गुलाब चंद्र राजस्व कर्मियों के साथ बाढ़ पीड़ितों के बीच में जाकर मदद का भरोसा दे रहे हैं। प्रभावित लोगों की कब मदद होगी यह कहना मुश्किल है।

    गंगा का पानी बढ़ने से पांच स्थानों पर हो रहा नाव का संचालन

    पिछले 72 घंटों से लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से चुनार क्षेत्र में फिर बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन द्वारा चुनार के जगदीशपुर टम्मलगंज, समसपुर, रैपुरिया, ढाब के नकहरा, जलालपुर माफी, बगहीं में नाव का संचालन करवाया जा रहा है।

    वहीं चुनार के नागरपुर में आश्चर्य कूप जाने वाले मार्ग, चुनार सरैया मार्ग पर भी पलट प्रवाह के कारण जरगो नदी का पानी सड़कों पर आ गया है। यदि क्रम रहा तो एक दिन बाद इन रास्तों पर भी आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो जाएगा। चुनार के ढाब क्षेत्र के लल्ली की मड़ई पर भी पानी आने से आवागमन प्रभावित हुआ है।

    जर्जर तटबंध से पानी जाने से धान की फसल हुई जलमग्न

    क्षेत्र के देवरिला माइनर के जर्जर टूटे तटबंध से पानी जाने से करीब 100 बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई।लगातार पानी बहने से किसानों की फसल डूब रही है। गुलौरी, मनई, देवरिला, गौरी एवं चरगोड़ा गांव की फसल पानी से डूबी हुई है। किसानों गोपाल सिंह, दिलीप दुबे, रजनीश सिंह, अमरनाथ यादव सहित अन्य तमाम किसानों ने जर्जर टूटे तटबंध की मरम्मत कराने की मांग की है।