पशु चिकित्सालय में नहीं मिलते चिकित्सक, जर्जर हालात में अस्पताल
जमालपुर के पशु चिकित्सालय केंद्र पर मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे जागरण टीम पहुंची। उस समय केंद्र पर तैनात पशु चिकित्सक डा. अजय कुमार जायसवाल की कुर्सी ...और पढ़ें

जासं, जमालपुर (मीरजापुर) : जमालपुर के पशु चिकित्सालय केंद्र पर मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे जागरण टीम पहुंची। उस समय केंद्र पर तैनात पशु चिकित्सक डा. अजय कुमार जायसवाल की कुर्सी खाली मिली। अस्त व्यस्त अस्पताल परिसर अव्यवस्था की गवाही दे रहा था। दूर से आए पशु मालिकों ने बताया कि अक्सर यहां पर कोई नहीं मिलता है और दवा की भी कमी हमेशा ही बनी रहती है।
पशु चिकित्सक के बगल के कक्ष में पशु औषधिक राजेश मिश्रा अपना कामकाज निपटाते दिखाई दिए। पूछने पर बताया कि केंद्र पर चिकित्सक सहित चार कर्मचारियों की नियुक्ति है। पशु चिकित्सक के बारे में जानकारी मांगने पर बताया कि वे जमालपुर मिल्की (शिवपुर) गांव स्थित अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल पर पशुओं की जांच करने के लिए गए हुए हैं। केंद्र पर तैनात चतुर्थ श्रेणी पत्र वाहक महिला कर्मचारी बबिता केंद्र पर मौजूद मिली। केंद्र पर तैनात चतुर्थ श्रेणी पत्रवाहक कर्मचारी शिवकुमार राम मौजूद नहीं थे। वहीं उनके बारे मे जानकारी की गई तो पता चला वे गोविदपुर गांव में बीमार भैंस का बुखार चेक करने के लिए गए हुए हैं लेकिन केंद्र पर दोपहर एक बजे तक वापस नहीं लौटे। पशु अस्पताल पहुंची ओड़ी गांव निवासिनी रेखा पशु चिकित्सालय पर अपने बकरे के पैर का इलाज कराने के लिए आई हुई थी और दवा लेकर चली गई। जमुड़ी गांव निवासी पशुपालक रामराज यादव पशु चिकित्सालय पर भैंस के पैर में दर्द होने की दवा लेने के लिए आए हुए थे और पशु औषधिक से दवा लेकर चले गए। भदावल गांव निवासी रमेश शर्मा भी अपने बकरे को हो रहे दस्त की दवा लेकर चले गए। हसौली गांव निवासी पशुपालक कृष्ण कुमार अपने गाभिन भैंस के लिए विटामिन का सीरप लेने पहुंचे थे। पशु औषधिक राजेश मिश्रा ने बताया कि पशु चिकित्सालय पर प्रतिदिन करीब 10 लोग अपने पशुओं का इलाज कराने पहुंचते हैं।
बिजली कनेकशन है नहीं लगे खंभे
जमालपुर के पशु चिकित्सा केंद्र पर विद्युत कनेक्शन रहने के बाद भी पोल नहीं है। दूर से केवल तार से बिजली खींची गई है जो दुर्घटना का कारण भी बन सकती है। इसी वजह से आए दिन बिजली खराब रहती है। केंद्र पर लगे खिड़की व दरवाजे भी जर्जर दशा में पहुंच गए हैं। वहीं किसानों के लिए पेयजल व शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है।

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