Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मीरजापुर स्‍थ‍ित विंध्यधाम में श्रद्धालुओं का सैलाब, लाखों ने नवाया शीश और मांगी मन्नतें

    By Anand Mohan MishraEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:16 PM (IST)

    मीरजापुर के विंध्यधाम में लाखों श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। त्योहारों के कारण मंदिर में भारी भीड़ उमड़ी। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। दूर-दूर से आए भक्तों ने मां के प्रति अपनी गहरी आस्था प्रकट की और मनोकामनाएं मांगी।

    Hero Image

    पूजन-अर्चन के बाद श्रद्धालुओं ने पारंपरिक त्रिकोण यात्रा पूरी कर मां काली और मां अष्टभुजा के दरबार में भी मत्था टेका।

    जागरण संवाददाता, व‍िन्ध्याचल। कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर बुधवार को विंध्यधाम में श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। भोर होते ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए उमड़ पड़ीं। सूर्य उदय से पहले ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का सैलाब लग गया। दोपहर तक लगभग तीन लाख श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में शीश नवाया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दर्शन से पूर्व विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा जी में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। पूजन-अर्चन के बाद श्रद्धालुओं ने पारंपरिक त्रिकोण यात्रा पूरी कर मां काली और मां अष्टभुजा के दरबार में भी मत्था टेका।

    भारी भीड़ के कारण बरतर तिराहा से दूधनाथ तिराहा, अटल चौक से बंगाली तिराहा, तथा बंगाली तिराहा से स्टेट बैंक तिराहा तक जाम की स्थिति बनी रही। जाम छुड़ाने में थानाध्यक्ष वेदप्रकाश पांडेय और ट्रैफिक पुलिस के जवान लगातार सक्रिय रहे।

    मंदिर प्रभारी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की थी, जिससे पर्व शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

    इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने न केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन किया, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी परिचय दिया। विंध्यधाम में इस प्रकार की भीड़ हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर देखने को मिलती है, जो इस स्थान की धार्मिक महत्ता को दर्शाती है। श्रद्धालुओं की इस भक्ति और आस्था ने विंध्यधाम को एक बार फिर से श्रद्धा का केंद्र बना दिया है।