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    मीरजापुर के चुनार में गोकशी से सनसनी, पुलिस टीमें संदिग्धों से कर रही पूछताछ

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 12:28 PM (IST)

    चुनार के पिरल्लीपुर गांव में गर्भवती गाय के अवशेष मिलने से सनसनी फैल गई। गोकशी के बाद गो हत्यारे गोमांस लेकर फरार हो गए। पुलिस ने अवशेषों को दफना दिया। इस घटना से क्षेत्र में रोष है। एएसपी ने जल्द खुलासे की बात कही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    पुल‍िस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है।

    जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर)। चुनार क्षेत्र के पिरल्लीपुर गांव में गुरुवार की सुबह पावरहाउस गेट के आगे से पिरल्लीपुर गांव जाने वाले संपर्क मार्ग पर करीब सौ मीटर आगे गोकशी कर गर्भवती गाय के अवशेष और भ्रूण फेंका मिलने के बाद सनसनी फैल गई थी। वहीं चुनार में हुई गोकशी मामले में शुक्रवार को चुनार कोतवाली में विरोध करने पहुंचे हिन्दू समाज के लोगों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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    उसके बाद से शुरू हुआ व‍िवाद शुक्रवार को भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। घटना को अंजाम देने के बाद गो हत्यार गोमांस लेकर फरार हो गए। पुलिस ने अवशेष व भ्रूण को दफनावाया। इस प्रकार की गोकशी जैसी संवेदनशील घटना पहली बार चुनार इलाके में सामने आई है। इससे लोगों में रोष और चिंता का माहौल है। घटना की सूचना पाकर एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह, सीओ चुनार मंजरी राव और कोतवाल रवींद्र भूषण मौर्य पुलिस बल के साथ पहुंचे। एएसपी ऑपरेशन ने कहा की जल्द घटना का खुलासा किया जाएगा।

    एएसपी ने बताया कि पिरल्लीपुर गांव निवासी अखिलेश यादव पुत्र मोहन यादव की पावरहाउस गेट पर चायपान की दुकान है। घर पर उन्होंने एक गाय और एक भैंस पाल रखी थी। अखिलेश ने पुलिस को बताया कि बुधवार रात रोज की तरह भोजन कर वे सो गए। गुरुवार तड़के करीब तीन बजे वे और उनके पिता मोहन चारा-पानी देने के लिए उठे तो गाय गायब मिली। चोरी की आशंका में उन्होंने तत्काल 112 नंबर और कजरहट चौकी पुलिस को सूचना दी। इसके बाद अपनी गाय की तलाश में ये नरायनपुर के टोल प्लाजा तक व इमिलियाचट्टी तक गए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

    सुबह करीब आठ बजे अखिलेश के घर से करीब 50 मीटर दूर एक कच्चे मकान की आड़ में गाय के कटे हुए अवशेष और भ्रूण पड़ा मिला। जिसे देख मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। जिसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने गोपालक से पूछताछ की और आसपास के लोगों से भी जानकारी जुटाई। अखिलेश की तहरीर पर पुलिस ने घटना के संबंध में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है।

    पुलिस का कहना है कि घटना में बाहरी लोगों की संलिप्तता हो सकती है। एएसपी ने बताया कि मामले के खुलासे के लिए एसओजी व समेत पांच टीमों को लगाया गया है। घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर कई बिंदुओं पर छानबीन शुरू कर दी गई है। फिलहाल पुलिस तीन चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। नुआंव गांव से भी एक संदिग्ध को पुलिस पूछताछ के लिए कोतवाली लाई है।

    -कहीं माहौल बिगाड़ने को की साजिश तो नहीं गोकशी की घटना, पुलिस पर उठे गंभीर सवाल

    जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर): पिरल्लीपुर गांव में गर्भवती गाय की गोकशी और उसके अवशेष मिलने की घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली को भी कठघरे में खड़ा किया है। साथ ही हिंदू समाज की आस्था को भी इससे गहरी चोट पहुंची है। लोगों का कहना है कि जहां गौ संरक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में है और प्रदेश में गौशालाओं के लगातार निर्माण से लेकर अवैध वध पर रोक के लिए कठोर कानून लागू किए गए हैं।

    इसके बावजूद वाराणसी-मीरजापुर हाइवे के करीब दो सौ मीटर गांव जाने वाले मार्ग पर खुलेआम गोकशी की वारदात होना इस बात का संकेत है कि गो तस्करी जैसे अपराधों में संलिप्त अपराधी निडर हो चुके हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि वारदात को अंजाम देने वाले कहीं न कहीं गो तस्करी से भी जुड़े हो सकते हैं, तभी शायद उन्हें पहले से ही भरोसा था कि क्षेत्र में निगरानी कमजोर है। घटना की संवेदशीलता को देखते हुए मौके पर एएसपी आपरेशन के साथ सीओ लालगंज अशोक कुमार सिंह, अदलहाट, अहरौरा, राजगढ़, मड़िहान, पडरी थानों के थानाध्क्ष भी पुलिस बल के साथ मौजूद थे। पावरहाउस गेट जैसे संवेदनशील इलाके और हाइवे से सटे मार्ग पर इतनी बड़ी वारदात हो जाना स्थानीय पुलिस की विफलता को उजागर करता है।

    हाईवे पर पुलिस चौकी समय की मांग

    चुनार कोतवाली क्षेत्र की कजरहट पुलिस चौकी वर्तमान में चुनार सीमेंट फैक्ट्री परिसर में स्थित है। तीन-चार दशक पहले जब उत्तर प्रदेश सीमेंट कारपोरेशन की चुनार सीमेंट फैक्ट्री का संचालन शुरू हुआ था तब तत्कालीन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इसकी स्थापना फैक्ट्री परिसर में की गई थी, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। सीमेंट फैक्ट्री कैंपस में चौकी होने के कारण किसी भी पीड़ित को पहले फैक्ट्री गेट पर अपनी एंट्री करवानी पड़ती है, तभी वह चौकी तक पहुंच पाता है।

    कई बार तो पीड़ित को गेट पर ही रोक दिया जाता है और अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलती। ऐसे में चौकी का मूल उद्देश्य ही अधूरा साबित होता है। वहीं दूसरी ओर चौकी का अधिकतर क्षेत्र हाईवे से सटा हुआ है। ऐसे में यदि अपराध और यातायात की दृष्टि से सक्रिय स्थानों जैसे चचेरी मोड़ या पिरल्लीपुर में नई चौकी स्थापित की जाए। तो हाइवे पर इसकी मौजूदगी से न सिर्फ निगरानी आसान होगी बल्कि अपराधियों पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी।