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    राजगढ़ के कई गांवों व मजरे में अभी तक नहीं पहुंची बिजली

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 23 May 2022 07:21 PM (IST)

    जागरण संवाददाता भावां (मीरजापुर) अति पिछड़ा क्षेत्र राजगढ़ के कई गांवों व मजरे पर आज

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    राजगढ़ के कई गांवों व मजरे में अभी तक नहीं पहुंची बिजली

    जागरण संवाददाता, भावां (मीरजापुर) : अति पिछड़ा क्षेत्र राजगढ़ के कई गांवों व मजरे पर आज तक बिजली नहीं पहुंची है। इसके कारण ग्रामीणों को अंधेरे में जीवन यापन करना पड़ रहा है। कहीं-कहीं तो ऐसे मजरे हैं जहां पर बिना बिजली जलाए ही बिल आ रहा है। बिजली न रहने के कारण दूसरों से संपर्क साधने वाले यंत्र मोबाइल फोन को चार किमी दूर भावां बाजार जाकर 10 प्रति मोबाइल की दर से चार्ज कराना पड़ रहा है।

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    जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से गुहार लगाई गई लेकिन सिर्फ आश्वासन के अलावा आज तक कुछ हासिल नहीं हुआ। बिशुनपुर ग्राम सभा के बरमपुर पुरवा में हालत बहुत खराब है। यहां के लोगों को अपने घर जाने के लिए न तो सही मार्ग है और न बिजली जबकि यह क्षेत्र पूर्व ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल का है।

    250 लोगों की बस्ती वाले इस पूरवे पर कुर्मी, यादव, बिद एवं हरिजन आदि जातियों के लोग रहते हैं, जो मुख्य रूप से खेती करते हैं। बस्ती के बुधराम पटेल, हीरालाल, रामदेव, राजन, मुन्नू यादव कन्हैयालाल आदि ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर हम लोग रहते हैं यह पुरवा मुख्य मार्ग है।

    भावां बाजार से 4 किमी दूर है, यदि कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए या कोई संकट आ जाए तो हम लोग तत्काल कोई साधन उपलब्ध नहीं करा सकते। सड़क नहीं है और बिजली भी नहीं। बिजली न रहने के कारण भावां बाजार जाकर दस रुपये देकर मोबाइल चार्ज कराना पड़ता है। महिलाओं ने बताया कि बिजली न रहने से हमारे अरमान और शौक पूरे नहीं हो पा रहे हैं।

    विधायक और प्रधान केवल वोट लेने के लिए यहां आते हैं हमारी परेशानियों से उनका कोई वास्ता नहीं है। चुनाव के वक्त प्रत्याशी वोट लेने के चक्कर में यहां का दौरा करते हैं और लंबा-चौड़ा आश्वासन देकर चले जाते हैं। आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया।

    इस संबंध में राजगढ़ के विद्युत सहायक अभियंता राजेश मौर्या ने बताया कि तीन महीने बाद योजना आने वाली है जिसमें मजरे को संतृप्त कर दिया जाएगा और लोग बिजली के उजाले में जीवनयापन करेंगे। बिजली की उपलब्धता से पेयजल संकट भी दूर होगा।