केस डायरी व पुलिस की चार्जशीट अब ऑनलाइन
जनपद पुलिस के सभी थानाध्यक्षों को आनलाइन केस डायरी सबमिट करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी दिशा निर्देश में यह बताया गया है कि अब थानों पर आनलाइन केस डायरी बनाई जाएगी और उसे आनलाइन ही संबंधित न्यायालय को भेज दिया जाएगा। इस तकनीकी बदलाव के बाद पुलिस महकमे में कई बदलाव नजर आएंगे। इससे पुलिस का समय बचेगा और संसाधनों की भी बचत होगी।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद पुलिस के सभी थानाध्यक्षों को ऑनलाइन केस डायरी सबमिट करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी दिशा निर्देश में यह बताया गया है कि अब थानों पर ऑनलाइन केस डायरी बनाई जाएगी और ऑनलाइन ही संबंधित न्यायालय को भेज दिया जाएगा। इस तकनीकी बदलाव के बाद पुलिस महकमे में कई बदलाव नजर आएंगे। इससे पुलिस का समय बचेगा, संसाधनों की भी बचत होगी।
पहले चरण में केवल सात तरह के अपराध की केस डायरी ऑनलाइन की जाएगी। इसमें हत्या, दहेज हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म, अपहरण व फिरौती, एससीएसटी एक्ट के अपराध शामिल हैं। विवेचना की डिजिटल व्यवस्था की प्रक्रिया को बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि केस डायरी 100 से लेकर 1000 पन्ने तक की होती है। सीसीटीएनएस के नए साफ्टवेयर पर केस डायरी फीड करने की व्यवस्था की गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए जिले में पुलिसकर्मियों को कंप्यूटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस तकनीकी बदलाव के बाद पुलिस के समय व संसाधनों की बचत होगी। अभी तक क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) में एफआइआर, जीडी, गिरफ्तारी, सीजर व चार्जशीट ऑनलाइन है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी ऑनलाइन करने की प्रक्रिया चल रही है। अब विवेचना की केस डायरी ऑनलाइन होने से बाद इसकी ट्रैकिग भी की जा सकेगी। इससे यह पता चलेगा कि केस की विवेचना किस स्तर पर पहुंची है।
वर्जन
पारदर्शिता के लिए डिजिटल व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे समय की बचत होती है। काम के लिहाज से यह सुविधाजनक होगा।
- डा. धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक, मीरजापुर
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