आप भी अगर गांव में बनवा रहे हैं मकान तो ये खबर जरूर पढ़ें, सरकार ने नियम में किया बड़ा बदलाव
मीरजापुर में अब गांवों में भी घर बनाने के लिए जिला पंचायत से नक्शा पास कराना अनिवार्य हो गया है। यह नियम 300 वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण पर लागू होगा। बिना नक्शे के निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी। बैंक से लोन लेने वालों को भी नक्शा पास कराने में आसानी होगी। इसके लिए जमीन के कागजात जमा करने होंगे।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। विकास प्राधिकरण की तरह जिला पंचायत में भी उपविधि लागू हो गई है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय, व्यावसायिक और ले आउट प्लाटिंग आदि का निर्माण कराने वालों को जिला पंचायत से मानचित्र (नक्शा) पास कराना अनिवार्य है।
हालांकि यह उपविधि उन पर लागू होगी, जो 300 वर्ग मीटर या 3230 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल में निर्माण कार्य कराएंगे। जिला पंचायत में अभी आफलाइन मोड में ही आवेदन करना होगा।
जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में निजी व व्यावसायिक भवन के निर्माण से पूर्व जिला पंचायत विभाग से नक्शा पास कराना अनिवार्य है। अपर मुख्य अधिकारी सुरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि किसी व्यक्ति अथवा संस्था के द्वारा बिना मानचित्र की स्वीकृति के निर्माण कार्य कराया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 240 के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए विधिक व सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई की जाएगी। नक्शा बनवाने के लिए कार्यालय में संपर्क करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बैंक से ऋण लेने में भी आसानी
कार्य अधिकारी अमित यादव ने बताया कि बैंक से ऋण लेकर मकान बनवाने वालों को भी आसानी होगी। आवेदक 300 वर्ग मीटर या 3230 वर्ग फीट से कम क्षेत्रफल में भी निर्माण करा सकेंगे। इसके लिए उनका भी जिला पंचायत से मकान का नक्शा पास होगा।
मानचित्र के लिए जरुरी हैं ये कागजात
कार्य अधिकारी अमित यादव ने बताया कि मानचित्र बनवाने के लिए आवेदक को आफलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र के साथ जमीन के स्वामित्व का प्रमाण पत्र देना होगा। आवासीय भवन के लिए धारा 80 अथवा बैनामा, खसरा-खतौनी आदि कागजात लगाना होगा। वहीं व्यावसायिक भवन के निर्माण के लिए अग्निशमन विभाग, पर्यावरण विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी लगाना होगा। आवेदन के बाद आवेदक को रसीद दी जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण के लिए मानचित्र पास कराना होगा। इसके लिए जिला पंचायत में व्यवस्था बनाई गई है। आवेदन स्वीकृत होने के बाद अधिकतम एक सप्ताह में मानचित्र बनवाने का प्रयास किया जाएगा।
सुरेंद्र कुमार वर्मा, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, मीरजापुर।
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