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गाजियाबाद से डीडीयू रेलवे ट्रैक के दोनों ओर होगा बाउंड्रीवाल

रेल प्रशासन द्वारा रेलवे ट्रैक को पूर्णत संरक्षित करने हेतु गाजियाबाद से दीन दयाल उपाध्याय जं के मध्य ट्रैक के दोनों तरफ बाउंड्रीवाल बनाने का निर्णय लिया है। इसके प्रथम चरण में दीन दयाल उपाध्याय जं-इलाहाबाद के मध्य लगभग 26 किमी कानपुर एरिया में लगभग 20 किमी रूरा-टूंडला के मध्य लगभग 40 किमी तथा टूंडला-गा•िायाबाद के मध्य लगभग 42 किमी अर्थात कुल लगभग 12

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:49 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 08:49 PM (IST)
गाजियाबाद से डीडीयू रेलवे ट्रैक के दोनों ओर होगा बाउंड्रीवाल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : रेल प्रशासन द्वारा रेलवे ट्रैक को पूर्णत: संरक्षित करने हेतु गाजियाबाद से दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के मध्य ट्रैक के दोनों तरफ बाउंड्रीवाल बनाने का निर्णय लिया है। इसके प्रथम चरण में दीन दयाल उपाध्याय जं-इलाहाबाद के मध्य लगभग 26 किमी, कानपुर एरिया में लगभग 20 किमी, रूरा-टूंडला के मध्य लगभग 40 किमी तथा टूंडला-गा•िायाबाद के मध्य लगभग 42 किमी अर्थात कुल लगभग 128 किमी बाउंड्रीवाल का निर्माण किया जाना है। दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन-इलाहाबाद एवं टूंडला-गाजियाबाद खंड में दिसम्बर माह तक बाउंड्री वाल का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। इसके द्वितीय चरण में दीन दयाल उपाध्याय -इलाहाबाद, इलाहाबाद-कानपुर,इटावा -टूंडला, अलीगढ़ -गा•िायाबाद प्रत्येक खंड में लगभग 56 किमी अर्थात कुल लगभग 224 किमी बाउंड्री वाल का निर्माण किया जाना है। इस बाउंड्रीवाल के निर्माण के पश्चात बाहरी व्यक्ति एवं जानवर आदि ट्रैक पर नहीं आ पाएंगे। जिससे दुर्घटनाएं पर रोक लगेगी।

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इलाहाबाद मंडल में राजधानी, शताब्दी एवं अन्य महत्वपूर्ण मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों को 130 किमी प्रति घंटा की गति से चलाया जा रहा है। मंडल में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से ट्रैक को उन्नत बनाया जा रहा है। जिससे गाड़ियों को 160 किमी प्रति घंटा की गति से चलाया जा सके, लेकिन कैटल रन ओवर की बढ़ती घटनाओं के कारण रेल परिचालन प्रभावित हो रहा है। जिस कारण गाड़ियां विलंबित होती हैं। इलाहाबाद मंडल के अंतर्गत संरक्षा विभाग के कर्मचारियों एवं आरपीएफ स्टाफ द्वारा निरंतर ग्राम वासियों को जानवरों को पटरियों से दूर रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन कैटल रन ओवर की घटनाओं में अपेक्षा के अनुरूप कमी नहीं हो रही है और कैटल रन ओवर की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिस कारण गाड़ियाँ विलंबित होती हैं। बढ़ती कैटल रन ओवर की घटनाओं का आकलन इस प्रकार किया जा सकता है कि इलाहाबाद मंडल में एक अप्रैल 2018 से 31 अक्टूबर 2018 तक 1432 कैटल रन ओवर की घटनाएं घटित हुई जबकि एक अप्रैल से 31 अक्टूबर 2019 तक कुल 2398 कैटल रन ओवर की घटनाएं घटित हुई जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 67 फीसद अधिक है। जिसमें सर्वाधिक कैटल रन ओवर की घटनाएँ कानपुर-टूंडला के मध्य घटित हो रही हैं।


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