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    भरत की अश्रुधार और प्रभु श्रीराम के वात्सल्य से सजीव हुआ त्रेता युग, साक्षी बने बीस हजार से अधिक श्रद्धालु

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 12:43 PM (IST)

    मीरजापुर के चुनार में रामलीला के दौरान प्रभु श्रीराम और भरत का मिलन एक भावनात्मक दृश्य था। जब श्रीराम ने भरत को गले लगाया तो जय श्रीराम के नारों से वातावरण गूंज उठा। यह दृश्य प्रेम त्याग और मर्यादा का प्रतीक था जिसने दर्शकों की आँखों में आँसू ला दिए।

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    बीस हजार से अधिक श्रद्धालु इस दिव्य भरत मिलाप लीला के साक्षी बने।

    जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर)। योगीराज भर्तृहरि की पावन धरा पर जब प्रभु श्रीराम ने अपने भ्राता भरत को बाहों में समेटा, तो संपूर्ण वातावरण भक्तिभाव से भर उठा। एक ओर श्रीराम का वात्सल्य उमड़ रहा था जो भरत को आलिंगन में भर लेने को व्याकुल था, तो दूसरी ओर भरत की भक्ति प्रभु के चरणों में लीन होकर अश्रुओं में बह रही थी।

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    जैसे ही श्रीराम ने भरत को उठाकर गले लगाया, चुनार किले के नीचे उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम और चारों भइयन की जय का घोष कर आकाश को गुंजायमान कर दिया। कुछ क्षणों के लिए लगा की समय ठहर सा गया।

    प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के मिलन का वह क्षण प्रेम, त्याग और मर्यादा की पराकाष्ठा का जीवंत स्वरूप बन उठा। भावनाओं से भीगे इन क्षणों को देखकर लीला स्थल पर उपस्थित हर दर्शक की आंखें श्रद्धा और आनंद के अतिरेक में अश्रुओं से भर आईं।

    ऐसे स्वाभाविक, जीवंत और भावनात्मक दृश्य के साक्षी बनने के लिए नगर ही नहीं, बल्कि आसपास के दर्जनों गांवों से करीब बीस हजार से अधिक श्रद्धालु लीला स्थल पर पहुंचे थे।

    श्री राघवेंद्र रामलीला नाट्य समिति द्वारा आयोजित यह दिव्य भरत मिलाप लीला सोमवार की रात करीब दस बजे भरपुर मुहल्ला स्थित किले के नीचे बने भव्य मंच पर सजीव हुई। दृश्य ऐसा प्रतीत हुआ मानो त्रेता युग का पवित्र प्रसंग स्वयं धरती पर चित्रित हो गया हो।

    प्रभु श्रीराम जब रावण का वध कर भार्या जानकी और भ्राता लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान पर सवार होकर वन से लौटते हैं, तो नगर के बाहर किले के नीचे जहां सरयू रूपी जरगो नदी बह रही है वहीं सजे ऊंचे मंच पर उनके और भरत-शत्रुघ्न के मिलन का दिव्य दृश्य रचा गया।

    प्रभु और भ्राताओं के आलिंगन के उस क्षण भक्तों ने पुष्प वर्षा कर अपने भाव अर्पित किए। इसके उपरांत भरत और शत्रुघ्न मंच से उतरकर माता जानकी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माता सीता के मुखमंडल पर झलकती करुणा और प्रसन्नता का भाव श्रद्धालुओं के हृदय में उतर गया।मंच के चारों ओर जयघोष, शंखनाद और मंत्रोच्चार से वातावरण पवित्रता और भक्ति से गूंज उठा।

    इस अवसर पर चेयरमैन मंसूर अहमद, एसडीएम राजेश कुमार वर्मा, सीओ मंजरी राव, समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत पांडेय, बचाऊ लाल सेठ, संजय साहू, ब्रजनंदन कुशवाहा, अजय शेखर पांडेय, श्याम सुंदर शाह, अमित मिट्ठू, अविनाश अग्रवाल, सभासद गौतम जायसवाल, किशन मोदनवाल, करतार सिंह कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।