मीरजापुर भाद्रपद पूर्णिमा पर माँ विंध्यवासिनी धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, पुरखों के निमित्त दान पुण्य का दौर
आज भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा पर मीरजापुर के माँ विंध्यवासिनी धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही भक्त मंदिर पहुंचने लगे और जय माँ विंध्यवासिनी के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। भक्तों ने दर्शन-पूजन कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। गंगा घाटों पर भी स्नान-दान करने वालों की भीड़ रही।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। आज भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा के पावन अवसर पर मां विंध्यवासिनी धाम में आस्था और भक्ति की अद्भुत छटा देखने को मिली। अलसुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर पहुँचने लगे। मंगला आरती से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर परिसर के बाहर लग गईं।
जैसे ही प्रातः 5 बजे मंदिर के कपाट खुले, पूरा वातावरण 'जय मां विंध्यवासिनी' के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने दर्शन-पूजन कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। मां के दर्शन के उपरांत श्रद्धालुओं के चेहरे पर आत्मिक संतोष और प्रसन्नता स्पष्ट रूप से झलक रही थी।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा का दिन देवी पूजा के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। इसी भाव से आज हजारों श्रद्धालुओं ने व्रत, पूजा और स्नान कर पुण्य अर्जित किया।
गंगा घाटों पर भी आज विशेष भीड़ देखने को मिली। लोगों ने भोर में गंगा स्नान कर दान-पुण्य किया और अपने कुल व पितरों के लिए तर्पण अर्पित किया। घाटों पर पूजा-पाठ और हवन का आयोजन भी देखने को मिला।
स्थानीय प्रशासन द्वारा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा, स्वच्छता और दर्शन व्यवस्था में सहयोग के लिए विन्ध्य पंडा समाज के लोग भी तैनात रहे। दोपहर तक माता के दरबार में आस्था की अटूट कतार लगी रही। हजारों लोग दोपहर तक दर्शन पूज कर चुके थे।
दूसरी ओर अष्टभुुुजा और काली खोह मंदिर में भी आस्थावानों की भीड़ लगी रही। जबकि तर्पण की कामना से भी लोगों ने धाम की ओर रुख किया और पुरखों के निमित्त दान पुण्य का लाभ कमाया। घाटों पर भी आस्थावानों का क्रम लगा रहा और बाढ़ के बीच नदी में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद रही।
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