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    UP Politics: अपना दल कमेरावादी ने निरस्त की घोषित सीटों की सूची, बड़ा दांव चल सकती हैं पल्लवी पटेल; कयासों को मिल रहा बल

    Updated: Mon, 25 Mar 2024 08:40 AM (IST)

    राजनीति में शतरंज की चाल काफी मायने रखती है। कहां किसको कब बैठाना है इसका परिणाम पर खास असर पड़ता है। इस बार लोकसभा चुनाव मैदान में बसपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। सपा से अलग हो चुकी अपना दल कमेरावादी भी चुनावी जंग में अपनी भूमिका दिखाना चाहती है। बहरहाल अलग-अलग तरह के लगाए जा रहे कयासों पर विराम एक दो दिन में लग जाएगा।

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    अद कमेरावादी के घोषित सीटों की सूची निरस्त, लगने लगे कयास

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर। राजनीति में शतरंज की चाल काफी मायने रखती है। कहां किसको कब बैठाना है इसका परिणाम पर खास असर पड़ता है। इस बार लोकसभा चुनाव मैदान में बसपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। सपा से अलग हो चुकी अपना दल कमेरावादी भी चुनावी जंग में अपनी भूमिका दिखाना चाहती है।

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    कमेरावादी ने घोषित सीटों की सूची निरस्त करने का पत्र जारी कर यह तय कर दिया कि उत्तर प्रदेश में पार्टी अपनी अहमियत सिद्ध करने के लिए बड़ा फैसला ले सकती है। बहरहाल, अलग-अलग तरह के लगाए जा रहे कयासों पर विराम एक दो दिन में लग जाएगा।

    भाजपा गठबंधन में अपना दल एस से अनुप्रिया पटेल पिछले दो लोकसभा चुनावों में जीत का झंडा गाड़ रही हैं। 2019 में जितना मजबूत सपा-बसपा के बीच गठबंधन बना उतनी मजबूती से अनुप्रिया ने जीत का सेहरा सिर पर बांधा। उन्हें रिकार्ड 5,91,564 मत प्राप्त हुए। जबकि बसपा-सपा को 3,59,556 मत मिले। इसी चुनाव में विपक्ष में उतरीं छह अन्य पार्टियों समेत नोटा के मतों को भी शामिल कर दें तो कुल मत 5,09,300 पड़े थे।

    यानी जनता ने जिस प्रकार से घरों से बाहर निकलकर मतदान किया और मतदान फीसद बढ़ा उसका सीधा फायदा अपना दल एस को हुआ। वहीं 2014 में बसपा और सपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था।

    कांग्रेस भी स्वतंत्र थी ऐसे में विपक्ष में कुल मत 4,94,766 पड़े जबकि अनुप्रिया पटेल 4,36,536 मत पाकर विजेता घोषित हो गईं। इन दोनों ही आंकड़ों को देख राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सपा-बसपा का गठजोड़ भी भाजपा-अद एस पर भारी नहीं पड़ सका। इस बार सपा के साथ कांग्रेस है।

    सपा ने बहुत ही समझदारी ने राजेंद्र एस बिंद को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसका फायदा भी मिलेगा। हालांकि अभी बसपा ने पत्ते नहीं खोले हैं और अपना दल कमेरावादी मीरजापुर में कुछ खास करने की तैयारी में है।

    बसपा और कमेरावादी द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद जनपद की राजनीति का रंग क्या होगा यह एक सप्ताह के अंदर साफ होने की संभावना जताई जा रही है। कमेरावादी के सचिव रामसनेही पटेल ने बताया कि अभी सीटों की सूची निरस्त की गई है। कुछ दिनों में स्थिति में स्पष्ट हो जाएगी।