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    बाजार में नहीं मिलती एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jul 2021 08:10 PM (IST)

    जागरण संवाददाता मीरजापुर जिले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बाजारों के मेडिकल स्ट

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    बाजार में नहीं मिलती एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बाजारों के मेडिकल स्टोर पर जीवन रक्षक सर्प दंश का एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन नहीं है। यही नहीं, अधिकांश दुकानदारों को इसका दाम तो छोड़िए नाम तक पता नहीं है। उनका कहना है कि यह इंजेक्शन सरकारी अस्पताल में फ्री में मिलता है इसलिए कभी इसकी मांग नहीं की जाती। करीब दस वर्ष पहले एक दो इंजेक्शन रखे जाते थे लेकिन मांग न होने के कारण ये खराब हो गए। इसके चलते इस इंजेक्शन को अब नहीं रखा जाता।

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    जिले में करीब डेढ़ सौ मेडिकल होंगे। यहां पर अधिकांश रोगों की दवाएं मिल जाती है। महंगे से महंगे इंजेक्शन मिल जाते हैं लेकिन जब सर्प दंश के इंजेक्शन एंटी स्नेक वेनम को मांगा गया तो मेडिकल कर्मी ने कहा कि यह इंजेक्शन नहीं होगा। नगर की लगभग 20 मेडिकल की दुकानों पर इसको चेक किया गया तो कही पर यह नहीं पाया गया। कई दुकानदारों ने कहा कि यह कौन सा इंजेक्शन है। किस डाक्टर ने लिखा है। यह सुनकर हैरानी हुई, लेकिन यह भी सच है कि उनके पास यह कभी आया नहीं होगा।

    इनसेट

    सर्पदंश से बचाव के लिए अस्पतालों में फ्री में इसका इंजेक्शन लगाया जाता है। इसलिए कभी इसको बाजारों से लोगों को खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब लोगों को इसे बाजारों से खरीदना होगा। इसलिए लोगों को इसके दाम के बारे में भी पता नहीं है। लालगंज निवासी रामविलास का कहना है कि उनके परिवार के एक सदस्य को करीब दो साल पहले सांप ने काटा था। उसे अस्पताल ले गए थे तो तीन वायल लगाया गया था। वह ठीक हो गया था। बाजार में कितने का यह इंजेक्शन मिलता है, उनको आज तक पता नहीं है। क्योंकि उन्होंने इसे कभी खरीदा नहीं है। हालांकि एक वायल बाजार में सौ रुपये का मिलता है। लापरवाही के कारण होती हैं मौत

    जंगली इलाकों में सर्प दंश होने के बाद लोगों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही के कारण मौत हो जाता है। सर्प दंश के तत्काल बाद मरीज को सरकारी अस्पताल ले जाकर बताया जाए कि किस सांप ने काटा है तो उसका इलाज तत्काल शुरू हो जाएगा, लेकिन अधिकांश लोग ऐसा नहीं करते हैं। सांप के काटने के बाद वे लोग घंटों घर में समय गुजार देते हैं। इसके बाद मरीज को अस्पताल ले जाने की बजाय पहले वैद्य के यहां दवा पिलाने ले जाते हैं। ऐसे में उनका पूरा समय बीत जाता है और तब तक मरीज की जान चली जाती है। जब उनको अस्पताल लेकर पहुंचते हैं तब चिकित्सकों को मरीज को मृत घोषित करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता है।

    डा. सुनील सिंह फिजिशियन मंडलीय चिकित्सालय

    सीएचसी-पीएचसी पर है इंजेक्शन : अहरौरा - 05 वायल

    हलिया - 21 वायल

    पड़री - 10 वायल

    विजयपुर - 28 वायल

    चील्ह - 05 वायल

    चुनार - 10 वायल

    लालगंज - 04 वायल

    गुरुसंडी - 05 वायल

    राजगढ़ - 65 वायल

    पटेहरा - 05 वायल

    जमालपुर - 20 वायल

    कछवां - 05 वायल

    जमुआ - 00 वायल

    महामलपुर - 00 वायल ---------------------- वर्जन

    बाजारों के मेडिकल पर इंजेक्शन न होना दुखद है। ग्रामीण इलाके के मेडिकलों पर जरूरत इंजेक्शन होने चाहिए। हालांकि सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन दिए गए हैं फिर एक दो वायल जरूर रखना चाहिए। - डा. पीडी गुप्ता मुख्य चिकित्साधिकारी सर्पदंश से महिला की गई जान

    मीरजापुर : अदलहाट क्षेत्र के खिरौड़ी गांव में सोमवार की रात सर्पदंश से महिला की मौत हो गई। खिरौड़ी गांव निवासी मालती देवी (53) पत्नी रामशकल सोमवार की रात दो बजे शौच के लिए गई थी। उसी दौरान सर्प ने काट लिया। परिजन झाड़-फूंक के लिए रैपुरिया ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। परिजनों द्वारा क्षेत्रीय हल्का लेखपाल व पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे एसआई राम प्रवेश ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हल्का लेखपाल नवीन श्रीवास्तव ने भी मौके पर पहुंचकर पूछताछ किया। मृतक महिला भूमिहीन मजदूर थी।