मीरजापुर में डोंगिया जलाशय के छलकने से अहरौरा में बाढ़ का खतरा, देखें वीडियो...
वाराणसी के अहरौरा में डोंगिया जलाशय के छलकने से संकट की स्थिति पैदा हो गई है। दो दिनों में अहरौरा जलाशय के भी भरने की आशंका है जिससे दादो गौसपुर समेत कई गांवों में जलमग्न होने का खतरा बढ़ गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। डोंगिया जलाशय के छलकने से अहरौरा में संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। केवल दो दिनों में ढाई हजार एकड़ में फैला अहरौरा जलाशय भी लबालब भरने की संभावना है। इससे दादो, गौसपुर, जुड़ई, मादापुर, डकही सहित अहरौरा से सटे कई गांवों में जलमग्न होने का खतरा बढ़ गया है।
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#mirzapur में डोंगिया जलाशय छलकने से अहरौरा में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। pic.twitter.com/0bB31t8apz
— Abhishek sharma (@officeofabhi) August 23, 2025
शनिवार को सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और पाया कि डोंगिया जलाशय से छह इंच पानी ओवरफ्लो हो रहा है। धनरौल बांध का पानी तेंदुई के रास्ते स्थानीय जलाशय में पहुंच रहा है। 1800 एकड़ क्षेत्र में फैले डोंगिया जलाशय के समय से पहले भर जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सिंचाई विभाग इस स्थिति को लेकर चिंतित है। सिंचाई खंड चुनार के एक्सियन हरिशंकर प्रसाद ने बताया कि डोंगिया जलाशय के छलकने से 400 क्यूसेक पानी अहरौरा जलाशय में आ रहा है।
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इसके साथ ही आसपास के पहाड़ी और झील क्षेत्र का पानी भी बांध में आ रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही, तो अहरौरा जलाशय भी समय से पूर्व ही भर जाएगा। अहरौरा जलाशय वर्तमान में पांच फिट खाली है और क्षेत्र के डूब क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ फसल बारिश के कारण डूब चुकी है। ऐसे में बाढ़ का खतरा बना हुआ है, लेकिन अभी तक एक भी बाढ़ चौकी स्थापित नहीं की गई है। इसके अलावा, क्षतिग्रस्त नहरों के तटबंध की मरम्मत भी नहीं कराई गई है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
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स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को इस गंभीर स्थिति का तुरंत समाधान करना चाहिए। बाढ़ की आशंका के मद्देनजर, उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जनजीवन को सुरक्षित रखा जा सके। जलाशय की स्थिति पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को सक्रिय रहना होगा और बाढ़ चौकियों की स्थापना के साथ-साथ नहरों की मरम्मत का कार्य शीघ्रता से करना होगा।
इस संकट के बीच, स्थानीय लोगों की सुरक्षा और फसल की रक्षा के लिए प्रशासन को तत्परता से कार्य करना आवश्यक है। जलाशय की स्थिति को देखते हुए, सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि बाढ़ की स्थिति से निपटा जा सके।
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