बिगड़ा काम भी बनता है गड़बड़ा धाम में
इतिहास लालगंज (मीरजापुर) : उपरौध क्षेत्र के सुरम्य विंध्य पर्वत की श्रृंखलाओं की गोद मे लालगंज
इतिहास
लालगंज (मीरजापुर) : उपरौध क्षेत्र के सुरम्य विंध्य पर्वत की श्रृंखलाओं की गोद मे लालगंज तहसील के हलिया ब्लाक में गड़बड़ा धाम है। यह अति प्राचीन है। ¨कवदंती के मुताबिक यहां पर एक नीम के पेड़ से मां शीतला स्वत : प्रकट हुई थीं। बाद में स्थानीय लोगों से जानकारी लेकर मां गड़बड़ा (शीतला देवी) का मंदिर स्थापित किया गया।
मान्यता है कि इस मंदिर के कुंड का जल ले जाकर चेचक अथवा इसी प्रकार की अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति को यदि स्नान करा दिया जाए तो वह अच्छा हो जाता है। इस तरह के लोगों की यहां पर स्वस्थ होने पर दर्शन करने की भीड़ जुटती है। यहां मत्था टेकने के लिए न सिर्फ इस जनपद बल्कि इलाहाबाद, भदोही, रीवा, हनुमना से भी श्रद्धालुओं का आना होता है। शारदीय व वासंतिक नवरात्र के अलावा अगहन शुक्ल पक्ष मे पंद्रह दिनों तक दर्शन-पूजन का सिलसिला चलता है। लोग धार्मिक अनुष्ठान के साथ मांगलिक कार्य भी संपन्न कराते है। मनौती पूरी होने पर यहां पर मुंडन संस्कार आदि होते है। यहां पर मनौती मानने वाले रोट व लपसी देबी को चढ़ाते है। आस्था के इस केन्द्र पर किसी भी तरह की परेशानी से निजात पाते है। यह मंदिर लोगो के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है।--------------------------------
मनौती पूर्ण होने पर होता है दर्शन
नवरात्र मे पूरे नव दिन यहां पर मनौती पूर्ण करने वाले पहुंचते है। जिन्होंने मंदिर में दर्शन करने के बाद मनौती मानी थी। वह मनौती पूर्ण होने पर पुन: मां का दर्शन करते हैं और मां को रोट व लपसी का भोग लगाते हैं। मां सभी का कल्याण करती हैं।
- पं. विद्याधर तिवारी, पुजारी, गड़बड़ा धाम।
मन्नत होती है पूरी
मां सबकी मनोकामना पूरी करती हैं। सच्चे मन से धाम में अपनी फरियाद सुनाने वाले की मां जरूर सुनती हैं। यही नहीं धाम मे आने वाले दर्शनार्थियों के सहारे काफी लोगों का रोजगार चलता है।
- देवी प्रसाद माली, दर्शनार्थी, गड़बड़ा धाम
दयालु हैं मां
मां दयालु हैं। सबकी सुनती हैं। मुझे परेशानी थी, मैने फरियाद किया और मां ने मेरी सुन ली। इसी से मैं दर्शन करने आई हूं।
- कुसुम देबी, दर्शनार्थी, गड़बड़ा धाम।
सफाई की समस्या है धाम
परिसर में सफाई की समस्या है। इस पर जिला प्रशासन का ध्यान अपेक्षित है। कम से कम मूलभूत सुविधाओं की तरफ तो उनको ध्यान देना ही चाहिए।
- रविशंकर तिवारी, दर्शनार्थी, गड़बड़ा धाम।
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