गड़बड़ा देवी के दर्शन मात्र से पूरी हो जाती हैं मुरादें
हलिया (मीरजापुर) : विकास खंड के गड़बड़ा धाम में माता शीतला के दर्शन मात्र से ही भक्तों की अभिलाषा पूरी हो जाती है। यही कारण है कि धाम तक पहुंचने में आने वाली तमाम परेशानियों को दरकिनार कर श्रद्धालु पूरी आस्था से मां का दर्शन-पूजन करता है।
जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर विंध्य पर्वत की तलहटी में सेवटी नदी के किनारे मां शीतला (गड़बड़ा देवी) का मंदिर है। जनश्रुतियों के मुताबिक लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व टेढ़ी नीम के खोखले से प्रकट हुई मां गड़बड़ा का ऐसा प्रताप है कि वह चमत्कार ही लगता है। मंदिर परिसर में मुंडन संस्कार, जोड़ों की फेरी, उपरी बाधा आदि से मुक्ति, ओझाई आदि यहां पर सामान्य रूप से प्रचलित है। नवरात्र में विशेष रूप से इस प्रकार के आयोजन होते हैं।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक सोमवार को क्षेत्रीय मेला तो अगहन माह में लगता है। भीड़ उमड़ती है लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी प्रशासनिक व्यवस्था शून्य है। वहीं दोनों नवरात्र में भी भक्त दर्शन-पूजन को आते हैं लेकिन उन्हें कोई व्यवस्था नहीं होती। मेला क्षेत्र में न तो कोई यात्री शेड है और न ही कोई धर्मशाला। यहां तक की सुलभ कांप्लेक्स तक की व्यवस्था नहीं हो सकी है।
बुनियादी सुविधाओं के लिए ऊंचे दाम वसूले जाते हैं लेकिन प्रशासन इन सबसे मौन बना हुआ है। पूरी व्यवस्था को हथिया कर चंद लोग जनता को लूट रहे हैं। फिर भी प्रशासन मौन है।
चुनावों तक ही सीमित रहता है वादा
हलिया : शासन-प्रशासन तो इस मेले की अनदेखी करता ही है लेकिन जनप्रतिनिधि भी यहां के ग्रामीणों को चुनावी वादा करने के बाद नजर नहीं आते। कई नेताओं ने चुनाव के समय मां गड़बड़ा का दर्शन-पूजन कर व्यवस्था व मंदिर सुंदरीकरण के कई वादे किए लेकिन उनके जाते ही योजना ही गायब हो गई। क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि जब तक इस मंदिर को धार्मिक मानचित्र से नहीं जोड़ा जाएगा तब तक ऐसे ही श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ेगा।
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