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    Young Achievers: दंगल गर्ल की तरह कुश्ती में दांव लगा रहीं मेरठ की पहलवान दिव्यांशी Meerut News

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Thu, 10 Dec 2020 11:30 AM (IST)

    मेरठ की पहलवान दिव्यांशी त्यागी की पसंदीदा पहलवान गीता फोगाट ही हैं। सीनियर कैंप में गीता के साथ प्रशिक्षण कर चुकी दिव्यांशी ने उनके कुश्ती और जीवन अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है जिसका इस्तेमाल वह अपने जीवन और कुश्ती में करना चाहती हैं।

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    मेरठ की उभरती पहलवान दिव्यांशी त्यागी ।

    मेरठ, [अमित तिवारी]। दंगल गर्ल गीता और बबीता फोगाट के संघर्ष की कहानी से देश की हजारों बेटियां प्रेरित हैं और कुश्ती के दंगल में दमदार दांव मारकर अमिट छाप छोड़ने की तैयारी कर रही हैं। इसी तरह मेरठ की उभरती पहलवान दिव्यांशी त्यागी की पसंदीदा पहलवान गीता फोगाट ही हैं। सीनियर कैंप में गीता के साथ प्रशिक्षण कर चुकी दिव्यांशी ने उनके कुश्ती और जीवन अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है जिसका इस्तेमाल वह अपने जीवन और कुश्ती में करना चाहती हैं। दिव्यांशी मानती हैं कि कुश्ती से उन्हें हर बार गिरकर फिर उठने की प्रेरणा मिलती है। सीनियर्स के अनुभव भी यही सिखाते हैं। गीता से भी उन्होंने यही सीखा है कि ऊंचाई पर पहुंचने के बाद छोटी प्रतियोगिता या ट्रायल में हार भी मिले तो उदास होने की बजाय फिर उठकर आगे के प्रयास में जुट जाना चाहिए।

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    दिव्यांशी के नानाजी ने मिलाया कुश्ती से

    दिव्यांशी के अनुसार उनके नानाजी महेंद्र सिंह त्यागी ने उन्हें कुश्ती में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वह चौ. चरण सिंह विवि स्थित कुश्ती हाल के कोच डा. जबर सिंह से परिचित थे। यहां बालिका पहलवानों की कुश्ती देखने के बाद बाद उन्होंने ही दिव्यांशी को साल 2008 में प्रशिक्षण शुरू कराया। दिव्यांशी के पिता दुष्यंत त्यागी बार्डर सिक्योरिटी फोर्स में तैनात हैं। उनसे भी प्रोत्साहन मिलने के बाद दिव्यांशी ने कुश्ती को ही अपना पसंदीदा खेल बनाया और उसी ओर आगे बढ़ने लगी।

    छह महीने में राष्ट्रीय पदक

    साल 2008 में कुश्ती का प्रशिक्षण शुरू करने के छह महीने में ही राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतना दिव्यांशी के लिए सबसे अधिक प्रेरित करने वाला क्षण बन गया। उसी साल सीसीएसयू में ही आयोजित प्रदेश स्तरीय रेसलिंग प्रतियोगिता में प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर जालंधर में हुई सब-जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में खेलने पहुंची दिव्यांशी ने रजत पदक के साथ आगाज किया। दिव्यांशी के अनुसार छह महीने में ही नेशनल पदक जीतना उनके लिए सबसे अधिक प्रोत्साहन रहा। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

    विदेशी माटी पर भी जीता है पदक

    दिव्यांशी ने पहला अंतरराष्ट्रीय पदक साल 2013 में जीता था। उन्होंने थाइलैंड में 13 से 16 जून तक हुई जूनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। पहले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी पदक जीतना दिव्यांशी के लिए बड़ा प्रोत्साहन रहा। उसी साल दिसंबर में सीनियर कामनवेल्थ चैंपियनशिप में दक्षिण अफ्रीका और साल 2014 में इंटली में सीनियर इनविटेशनल रेसलिंग टूर्नामेंट में भी दिव्यांशी ने कुश्ती खेला लेकिन कोई पदक नहीं जीत सकी। साल 2016 में एक बार फिर सिंगापोर में सीनियर कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।

    दुनिया में बराबरी का टक्कर देते हैं हमारे पहलवान

    अंतरराष्ट्रीय स्तर की कुश्ती से भारतीय कुश्ती की तुलना पर दिव्यांशी कहती हैं कि एक समय जरूर था जब हमारे पहलवान विदेशों में जाकर किसी कारण अटक जाते थे पर अब ऐसा नहीं है। अब दुनिया के बेहतरीन पहलवानों में भारतीय पहलवान हैं। भारतीय कुश्ती संघ की ओर से दी जा रही सुविधाएं व प्रशिक्षण तकनीकि को बेहतर बना रही हैं। भारतीय टीम विदेशी पहलवानों के साथ कैंपों में प्रशिक्षण भी कर रही हैं।

    सीनियर कैंप में बहुत कुछ सीखा

    दिव्यांशी बताती हैं कि साल 2014 में वह सीनियर कैंप में पहुंची। वहीं पर उनकी मुलाकात गीता फोगाट और अन्य सीनियर खिलाड़ियों से हुई। सीनियर कैंप में अपने से सीनियर खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण और उन्हें कुश्ती लड़ते देखने का अनुभव अच्छा रहा। उन्हीं अनुभवों को अब दिव्यांशी अपने प्रशिक्षण में इस्तेमाल करतीं हैं। करीब दो साल पहले रेलवे से जुड़ी दिव्यांशी अब रेलवे टीम का प्रतिनिधित्व करती हैं।

    यह रही हैं दिव्यांशी की राष्ट्रीय उपलब्धियां

    सब-जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप 2008, जालंधर : रजत पदक

    नेशनल स्कूल गेम्स 2009, महाराष्ट्र : रजत पदक

    सब-जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप 2010, नैनीताल : रजत पदक

    स्कूल नेशनरल रेसलिंग चैंपियनशिप 2011, हरियाणा : स्वर्ण पदक

    स्कूल नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप 2011, पुणा : कांस्य पदक

    जूनियर रेसलिंग नेशनल चैंपियनशिप 2012, झारखंड : कांस्य पदक

    आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी रेसलिंग चैंपियनशिप 2012, अमरावती यूनिवर्सिटी : पांचवां स्थान

    जूनियर नेशनल चैंपियनशिप 2013, चंडीगढ़ : कांस्य पदक

    सीनियर रेसलिंग चैंपियनशिप 2013, कोलकाता : रजत पदक

    आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी रेसलिंग चैंपियनशिप 2014, मेरठ : कांस्य पदक

    सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप 2016 गोंडा : रजत पदक