कंक्रीट के महलों में सुख तलाश रहे लोग!... थक जाएंगे, तब बनाएंगे Wooden House
आर्किटेक्ट अनुराग खंडेलवाल का मानना है कि भविष्य में लकड़ी के घर जरूरी होंगे। कंक्रीट के भवन निर्माण में अधिक कार्बन उत्सर्जन होता है, जबकि लकड़ी पर्य ...और पढ़ें

मेरठ आर्किटेक्ट एसोसिएशन के एक्सपो में आर्किटेक्ट अनुराग खंडेलवाल। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। लकड़ी-मिट्टी के घरों से निकलकर कंक्रीट के मकानों में सुख तलाश रहे लोग विभिन्न समस्याओं से परेशान हैं। कभी दीमक तो कभी सीलन की समस्या। अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक सर्दी से बचाव के लिए नए-नए उपकरण लगाए गए हैं, लेकिन सुकून वैसा नहीं मिल पाता है जैसा चाहिए। दो-तीन दिन के टूर में जब कोई किसी ऐसे स्थल पर जाता है, जहां लकड़ी के मकान में रुकने का अवसर मिलता है, तो वहीं स्थायी रूप से रुक जाने का मन करता है। इसीलिए अब भविष्य में लकड़ी के मकान हमारे शहर में भी दिखाई देंगे।
यह कहना है आगरा निवासी आर्किटेक्ट प्रोफेसर अनुराग खंडेलवाल। वे मेरठ आर्किटेक्ट एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक्सपो में वुडेन सस्टेनेबल बिल्डिंग एंड नेट जीरो बिल्डिंग्स विषय पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कंक्रीट के भवन बनाने में 45 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन होता है। लकड़ी ही ऐसी सामग्री है जो उत्सर्जन के बजाय अवशोषित करती है। लकड़ी ऐसी सामग्री है जिसका आसानी से पुन: उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 20 साल में हिमालय से चेन्नई तक 500 से अधिक लकड़ी के घर बनाए हैं। इसमें बहुमंजिला घर भी शामिल हैं। कई सेलिब्रिटी जैसे शत्रुघ्न सिह्ना, सुनील शेट्टी के लिए भी घर बनाए हैं। सामान्य लोग भी अब लकड़ी के दरवाजे, अलमारी, बेड आदि उपयोग कर रहे हैं। गार्डन में लकड़ी का उपयोग अधिक करने लगे हैं, इसी तरह से धीरे-धीरे लकड़ी अपनी जगह बना लेगी।
एआइ के बजाए एक्यूआइ तय करेगा घर का भविष्य
अनुराग ने कहा कि पर्यावरण जैसे कि हवा, पानी आदि से तय होगा कि घर कैसा हो। अब घरों का भविष्य एआइ नहीं बल्कि एक्यूआइ तय करेगा। हम स्वयं और घर को स्मार्ट बनाने, नई-नई चीजों के लिए आटीफीशियल इंटेलिजेंस एआइ का उपयोग करते हैं लेकिन हम स्वस्थ रहेंगे तभी कुछ कर सकेंगे। वायु गुणवत्ता स्तर (एक्यूआइ) घर के अंदर के वातावरण और उसमें रहने वालों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए पेड़-पौधे और सही वेंटिलेशन की जरूरत होती है। अब तो कंक्रीट के घर ही परेशानी बन रहे हैं इसलिए एक्यूआर को लेकर लोग गंभीर हो रहे हैं। इसीलिए लकड़ी का प्रयोग बढ़ेगा।

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