Baghpat Crime: बंगाल की STF टीम ने बागपत से जमीरूद्दीन को उठाया, बांग्लादेश का कनेक्शन भी खंगाला जाएगा
West Bengal STF सोमवार को बागपत में वेस्ट बंगाल की एसटीएफ टीम ने जमीरूद्दीन मियां को पकड़ा है। जमीरूद्दीन मियां को टीम अपने साथ ले गई है। बताया जा रहा है कि जमीरूद्दीन बांग्लादेश में फोन करने के साथ-साथ वहां पर सिम भी बेचा करता था।

बागपत, जागरण संवाददाता। West Bengal STF बागपत के बड़ौत में वेस्ट बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) नगर से जमीरूद्दीन मियां को पकड़कर ले गई है। जमीरूद्दीन मियां का गांव सिंगिमारी मडंकुरा बांग्लादेश के बार्डर पर स्थित है। बांग्लादेश के कई लोगों से उनका कनेक्शन बताया जा रहा है।
दोनों बेटों के मोबाइल भी खंगाले
पुलिस सूत्रों की मानें तो जमीरूद्दीन मियां बांग्लादेश में फोन करने के साथ-साथ वहां के लोगों को सिम भी बेचा करता था, जिसके बाद पुलिस ने जमीरूद्दीन पर निगाह जमा दी थी। जिस मुकदमे में जमीरूद्दीन का नाम प्रकाश में आया है उस मुकदमे में इंडियन टेलीग्राम एक्ट भी शामिल है, इसलिए नोएडा और मेरठ की एटीएस टीम ने घंटों उसका मोबाइल भी खंगाला और काल डिटेल भी देखी। चूंकि जमीरूद्दीन काफी समय से बागपत में रहने के साथ-साथ लखनऊ में भी रहता था। उसके दोनों बेटों के मोबाइल भी खंगाले गए।
पहले ईंट भट्ठे और अब फैक्ट्री में मजदूरी कर रहा है परिवार
कूच बिहार जनपद का रहने वाला जमीरूद्दीन मियां अपने परिवार के साथ पहले ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था, लेकिन अब भट्ठे बंद हैं इसलिए वह टायल्स बनाने की फैक्ट्री में काम कर रहा है। जमीरूद्दीन की पत्नी नाबली ने बताया कि रविवार की शाम लगभग सात बजे पुलिस फैक्ट्री में आई और उसके पति को पकड़कर ले गई।
सोमवार की सुबह आई थी फैक्ट्री
उसके बाद रात के समय उसके बड़े बेटे अलीमुल हुसैन को ले गई। रात के समय ही उसके बेटे को छोड़ दिया, लेकिन सोमवार की सुबह पुलिस फैक्ट्री में आई और उसके बेटे अलीमुल हुसैन व छोटे बेटे इकरामुल हक को उनके मोबाइल फोन समेत ले गई। बाद में पुलिस ने दोनों बेटों को छोड़ दिया, जबकि उसके पति को साथ ले गई। टीम पूरी से छानबीन कर रही है।
पांच सितंबर को फैक्ट्री में शुरू किया था काम
बंगाल के अंद्रन सिंगिमारी गांव के रहने वाले व फैक्ट्री के ठेकेदार अजगर अली ने बताया कि बंगाल के चार परिवार फैक्ट्ररी में काम करते हैं। जमीरूद्दीन और उसका परिवार पांच सितंबर को लखनऊ से उसके पास आया था और फैक्ट्री में काम करने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसके बाद उसने जमीरूद्दीन और उसके परिवार को फैक्ट्री में काम करने के लिए रख लिया था। ठेकेदार ने बताया कि वह जमीरूद्दीन के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता है। रविवार की शाम पुलिस आई तो पुलिस ने उससे जानकारी हासिल की, जिसके बाद उसने सभी के बारे में पुलिस को जानकारी दे दी।
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