जन्मदिवस पर विशेष : 46 सालों से पानी की जंग लड़ रहे जल पुरुष राजेंद्र सिंह, कई अभियान रहे सुर्खियों में
Waterman Rajendra Singh आज छह अगस्त को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त जल पुरुष राजेंद्र सिंह का जन्मदिन है। जल संरक्षण में उनकी भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता है। 46 साल से जल संरक्षण की मुहिम से वे जुड़े हैं। कई अभियान सुर्खियों में रहे।

बागपत, जागरण संवाददाता। Jal Purush Rajendra Singh जिला बागपत के डौला गांव निवासी एवं रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त जल पुरुष राजेंद्र सिंह का आज छह अगस्त को जन्म दिवस है। वह अपने जीवन के 46 साल जल संरक्षण के काम में लग दिए।
मुहिम आज भी जारी
जल संरक्षण की उनकी मुहिम आज भी पहले की तरह जारी है। अब वह एक बार फिर देशभर में आम जन को जल के प्रति जागरूक करने को अभियान छेड़ने वाले हैं।

ये अभियान रहे सुर्खियों में
राजेंद्र सिंह का जन्म बागपत के डौला में छह अगस्त 1959 को हुआ है। वह आयुर्वेद में स्नातक व हिदी से एमए हैं। वह जल नीति में सुधार की मांग, गंगा को निर्मल कर गंगत्व बचाने, गंगा व श्वेत पत्र जारी करने, जल साक्षरता तथा जंगल बचाओ-जीवन बचाओ जैसे अभियानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं। वह राजस्थान में अलवर के भीकमपुरा गांव में पर्यावरण के लिए काम करने वाली तरुण भारत संघ संस्था चलाते हैं।
46 साल से पानी बचाने में जुटे हैं
अब वह 63 साल के हो चुके हैं लेकिन इसमें 46 साल जल संरक्षण के लिए लगा दिए। राजस्थान में 11800 जल संरचनाएं बनवाकर 1200 गांवों को पानीदार बनाकर दस लाख लोगों के लिए काम किया। देशभर में अरवरी, रुपारेल, सरसा, भगानी, महेश्वरा, साबी, तबिरा, सैरनी, जहाजवाली, अग्रणी, महाकाली व इचनहल्ला समेत 12 नदियां पुनर्जीवित कराया। 60 देशों में जल संरक्षण यात्रा की। डौला गांव में 700 साल पुराना तालाब पुनर्जीवित कराने का दावा है।

जो पुरस्कार मिले
जल संरक्षण के लिए राजेंद्र सिंह को वर्ष 2001 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, 2005 में जमनालाल बजाज पुरस्कार मिला। 2008 में द गार्जियन ने उन्हें ऐसे 50 लोगों की सूची में शामिल किया, जो पृथ्वी को बचा सकते हैं। 2015 में स्टॉकहोम वॉटर प्राइज, 2018 में हाउस आफ कामन्स, यूनाइटेड किंगडम में अहिसा सम्मान, वर्ष 2019 में अमेरिका सियटल से अर्थ रिपेयर और नई दिल्ली में पृथ्वी भूषण सम्मान मिला था।
पानी को लेकर तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका
जल पुरष राजेंद्र सिंह ने बुधवार को फोन पर दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पानी संकट को लेकर तीसरा विश्वयुद्ध के हालात बन रहे हैं। नदियों, तालाबों समेत परंपरागत जल स्त्रोत नहीं बचाए, तो जीवन संकट में पड़ जाएगा। हर किसी को पानी बचाने की पहल करनी होगी। केवल सरकार के भरासे न बैठे रहे।
जन्म दिन पर दी बधाई
डौला गांव के कृष्णपाल सिंह, संगीता, रवि प्रताप, युनूस, इसरार अहमद और प्रदीप ठाकुर, समाज सेवी सुभाष नैन, निवाड़ा के प्रधान हसरत अली समेत अनेक लोगों ने जल पुरुष को जन्म दिन पर बधाई दी है।

अमृत सरोवर की पहल जन चेतना जगाने वाली: राजेंद्र सिंह
बागपत : रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अमृत सरोवर विकसित कराने की पहल अच्छी है। इससे लोगों में जल संरक्षण को लेकर चेतना जागृत होगी। 15 अगस्त को आजादी के जश्न पर जल संरक्षण का संकल्प लेकर धरातल पर काम करने का आह्वान किया।
वाकई मुझे ध्यान नहीं था
बागपत के डौला निवासी जल पुरुष राजेंद्र सिंह का छह अगस्त को जन्म दिन है। जागरण संवाददाता ने जैसे ही उन्हें फोन परजन्म दिन की बधाई दी तो वह चौंक गए। बोले कि वाकई मुझे ध्यान नहीं था कि शनिवार को मेरा जन्म दिन हैं। यूं भी जन्मदिन मनाने में उनकी खास दिलचस्पी नहीं। वह फिर पानी की बर्बादी और जल संरक्षण के मुद्दे पर आ गए और कहने लगे कि जल वायु परिवर्तन आज बड़ी चुनौती है।
तीसरे विश्व युद्ध जल परिवर्तन में प्रवेश
हम तीसरे विश्व युद्ध जल परिवर्तन में प्रवेश कर रहे हैं। आज देश में आधे भूभाग में सूखा है तो आधे में बाढ़। उन्होंने कहा कि हर घर नल से जल जैसी योजनाओं से जल संरक्षण होने वाला नहीं। सरकार की देशभर में अमृत सरोवर विकसित कराने की पहल अच्छी है।

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