कालागढ़ डैम से छोड़े गए पानी से अस्थायी बंधा टूटा, बिजनौर के गांवों में घुसा पानी
बिजनौर के अफजलगढ़ क्षेत्र में ग्रामीणों ने मिट्टी के हजारों कट्टे बल्लियां और लकड़ी डालकर अस्थायी बंधा बनाया था। मंगलवार रात कालागढ़ डैम से छोड़े गए प ...और पढ़ें

बिजनौर, जागरण संवाददाता। मंगलवार रात कालागढ़ डैम से छोड़े गए पानी से अस्थायी बंधा टूट गया है, जिससे अफजलगढ़ क्षेत्र के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। किसानों को नावों का सहारा लेकर अपने खेतों पर जाना पड़ रहा है।
पिछले महीने हुई तेज बारिश और कालागढ़ डैम से छोड़े गए पानी ने क्षेत्र में काफी तबाही मचाई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने गांव भागीजोत व आसपास से खुद ही मिट्टी के कट्टे डालकर अस्थायी बंधा बना लिया था। परेशान ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेंगे।
कालागढ़ डैम से छोड़ा गया पानी रामगंगा नदी के सहारे गांवों में घुस रहा है। पिछले महीने इस पानी ने काफी तबाही मचाई थी। सैकड़ों बीघा धान व गेहूं की फसल बर्बाद हो गई थी। अभी किसान इस नुकसान से उबरे भी नहीं हैं कि मंगलवार रात फिर से कालागढ़ से छोड़ा गया पानी अफजलगढ़ क्षेत्र के भागीजोत और झाड़पुरा आदि गांवों में पहुंच गया।
ग्राम प्रधान कपिल कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से पिछले महीने हुए नुकसान की भरपाई के लिए मिट्टी के हजारों कट्टे, बल्लियां और लकड़ी डालकर अस्थाई बांध बनाया गया था। मंगलवार रात आए पाने से वह भी बह गया। ग्रामीणों का कहना है कि पहले से ही खेतों में पानी है, इससे और अधिक नुकसान हो रहा है।
नाव के सहारे खेतों पर जाना पड़ रहा
बुधवार को किसानों को नाव के सहारे अपने खेतों पर जाना पड़ा। प्रधान कपिल कुमार, राजेंद्र, कृपाल, मुखराम, नन्हें, मुकेश आदि ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इसके बाद एसडीएम विजय वर्धन तोमर, एसडीओ प्रतीक सहना, लेखपाल बेनीराम, बलराम सौरभ आदि ने गांव का निरीक्षण किया। नाराज ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेंगे। एसडीएम का कहना है कि डैम और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। जल्द ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान कराया जाएगा।

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