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    मेरठ में सात दिन तक नहीं होगी इन वाहनों की एंट्री, सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक रहेगा रूट डायवर्जन

    Updated: Sat, 14 Dec 2024 02:18 PM (IST)

    मेरठ के शताब्दी नगर में 15-21 दिसंबर तक प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव महापुराण कथा का आयोजन होगा। भीड़ को देखते हुए शाप्रिक्स मॉल से परतापुर इंटरचेंज तक भारी वाहनों पर रोक लगाई गई है। दूसरी ओर मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर गड्ढे अवैध कट और लाइट की कमी हादसों को दावत दे रहे हैं। स्थानीय लोग सुधार की मांग कर रहे हैं लेकिन एनएचएआई उदासीन है।

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    शाप्रिक्स माल से परतापुर इंटरचेंज तक सात दिन के लिए भारी वाहनों पर रहेगी रोक - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। शताब्दीनगर में सात दिन तक प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा करेंगे। शिव महापुराण में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी ना हो। इसको लेकर यातायात पुलिस ने शाप्रिक्स माल से परतापुर इंटरचेंज तक भारी वाहनों पर रोक लगा दी है।

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    परतापुर के शताब्दी नगर स्थित द अध्ययन स्कूल में 15 से 21 दिसंबर तक शिव महापुराण कथा का आयोजन होगा। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि इन सात दिनों तक यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए रूट डायवर्ट किया है। यह रूट डायवर्जन 15 से 21 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक लागू रहेगा।

    इस तरह रहेगी पुलिस की यातायात व्यवस्था

    हापुड़ से आने वाले भारी वाहन खरखौदा तिराहे से मोहिउद्दीनपुर होते हुए दिल्ली-देहरादून हाईवे से बागपत रोड फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर आ सकेंगे। ट्रांसपोर्ट नगर और शहर से आने वाले भारी वाहन शाप्रिक्स माल से बिजली बंबा बाईपास से होते हुए हापुड़ रोड पर जा सकेंगे। परतापुर इंटरचेंज से शाप्रिक्स माल और शाप्रिक्स माल से परतापुर इंटरचेंज की तरफ कोई भी भारी वाहन नहीं जा सकेगा।

    हादसों को निमंत्रण दे रहे गलत दिशा में दौड़ते वाहन

    वहीं, मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर विभिन्न स्थानों पर लगी स्क्रीन बंद है। गलत दिशा में वाहन दौड़ रहे हैं। अवैध कट और टूटी सड़कें हादसों को दावत दे रही है। शुक्रवार की देर रात दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो मेरठ से बुलंदशहर जाने वाले हाईवे का कुछ ऐसा ही हाल मिला।

    रात के समय लाइट का इंतजाम नहीं है। कोहरे में बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं है। इक्का दुक्का स्थानों पर रिफलेक्टर लगाए गए हैं। इतना सब होने के बाद भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी कोई कदम नही उठा रहे हैं। ऐसे में यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

    यहां तक गहरे गड्ढों की भरमारमेरठ में इस हाईवे की दूरी करीब 15 किमी है। मेरठ डंपिग ग्रांउड से धीरखेड़ा तक जनपद की सीमा है। बिजली बंबा पुलिस चौकी से आरंभ होते ही गढढों की भरमार है। जहां वाहनों को रेंगकर चलना पड़ता है।

    बिजौली, धनोटा, नालपुर और कबटटा में अवैध कट है। अवैध कट पर रिफ्लेक्टर लगना चाहिए। इन अवैघ कटों पर रिफ्लेक्टर पट्टी लगनी चाहिए, जिससे दूर से ही चालक को संकेत दिखाई दे सके। स्थानीय लोगोंं का कहना है कि कोहरे के बाद भी पथ प्रकाश के लिए लगी लाइट रात को देरी से जलती है और सुबह को जल्दी बंद हो जाती है।

    इन स्थानों पर हो रहे अधिक हादसे

    हाईवे पर दस से अधिक ब्लैक स्पाट भी हैं। जहां हादसा हुआ तो घायल का बचना मुश्किल है। इनमें बिजौली, नालपुर, कबटटा कट, फफूंडा तिरहाा समेत कई अन्य स्थान शामिल है।