रैपिड-मेट्रो स्टेशनों पर किसकी लगने वाली है ड्यूटी? आ गया नया अपडेट
शोभित विश्वविद्यालय में रैपिड-मैट्रो स्टेशनों पर तैनात होने वाले यूपीएसएसएफ जवानों और अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में जवानों को यात्रियों से संवाद करने और विषम परिस्थितियों में हौसले के साथ काम करने के तरीके सिखाए गए। विशेषज्ञों ने जन-समूह संचालन, संवाद-कुशलता और सभ्य व्यवहार का प्रशिक्षण दिया, धैर्य और संवेदनशीलता के महत्व पर जोर दिया गया।

जागरण संवाददाता, मोदीपुरम। रैपिड-मैट्रो के स्टेशनों पर उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (यूपीएसएसएफ )के जवानों और अधिकारी तैनात होंगे। ड्यूटी के दौरान सुरक्षा बल के जवानों को स्टेशन पर यात्रियों से कैसे संवाद करना है। विशंभ परिस्थितियों में हौंसले के साथ कैसे काम करना है, इसका एक दिवसीय प्रशिक्षण जवानों व अधिकारियों को शोभित विश्वविद्यालय में दिया गया।
शोभित विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डा. अभिषेक डबास ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (यूपीएसएसएफ)की पांचवीं वाहिनी सहारनपुर के जवान व अधिकारियों और आरआरटीएस के चतुर्थ ईकाई के सौ से अधिक अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण् का आयोजन हुआ। सभी की ड्यूटी रैपिड-मैट्रो रेलवे स्टेशनों पर रहेगी। यह प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश शासन से प्राप्त पत्र के आधार पर दिया गया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य अधिकारियों को जन–समूह संचालन, संवाद-कुशलता, सभ्य व्यवहार तथा विशंभ परिस्थिति में प्रबंधन से संबंधित आवश्यक कौशल प्रदान करना था। जिससे यात्रियों एवं नागरिकों को सुरक्षित, अनुशासित और सम्मानजनक अनुभव सुनिश्चित कराया जा सके। प्रशिक्षण की मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान और मानवीय व्यवहार अध्ययन केंद्र की निदेशक डा. पूनम देवदत्त, विश्वविद्यालय सलाहकार प्रो. एमएल सिंगला रहे।
विशेषज्ञों ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन तंत्र में तैनात सुरक्षा कर्मियों का धैर्यपूर्ण, संयमित और संवेदनशील व्यवहार सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही जनता के विश्वास को बढ़ाता है।
अधिकारियों को बताया गया कि लोगों को विनम्रता और दृढ़ता के साथ कैसे नियंत्रित किया जाए, सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखते हुए सौहार्द और अनुशासन का संतुलन कैसे कायम रखा जाए, यात्रियों के प्रति स्वागतपूर्ण और सकारात्मक व्यवहार से सहयोगपूर्ण वातावरण कैसे तैयार किया जाए। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी सौंपे गए। इस दौरान उप सेनानायक डा. कृष्ण गोपाल, सहायक सेनानायक राजीव यादव, डा. अशोक गुप्ता, डा. गणेश भारद्वाज आदि मौजूद रहे।

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