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    UPSC Result: बुलंदशहर के उत्तम ने संघर्ष से पाई सफलता, अभ्यर्थियों को दिए सफलता के मंत्र

    By Parveen VashishtaEdited By:
    Updated: Mon, 30 May 2022 11:22 PM (IST)

    UPSC Result 2021 सिविल सेवा परीक्षा में 121 वीं रैंक पाने वाले बुलंदशहर के उत्तम भारद्वाज का कहना है कि सिविल सेवा की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों को अपना लक्ष्य बनाना होगा। लक्ष्य को छोटे-छोटे खंड में विभाजित कर भेदने के लिए जुट जाना होगा।

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    बुलंदशहर में उत्तम भारद्वाज को मिठाई खिलाकर खुशी मनातीं मां सुधा शर्मा व छोटा भाई।

    बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। कोरोना काल का समय तैयारी के लिए सबसे बेहतर रहा। उस समय मैं और मेरी किताबें साथ रहीं। किताबें सच्ची दोस्त होती हैं, यह कहावत भी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने पर चरितार्थ हो गई। यह कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा में 121 रैंक हासिल करने वाले नगर के देवीपुरा निवासी उत्तम भारद्वाज का।

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    दूसरे प्रयास में पाई सफलता 

    उत्तम ने दूसरे प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में यह सफलता अर्जित कर जिले का नाम रोशन किया है। उन्हें खाना बनाना और खिलाना पसंद है। कविता लेखन का भी शौक है। हालांकि पहले प्रयास में विफल होने पर उत्तम निराश नहीं हुए। उन्होंने बताया कि पहले प्रयास में तैयारी कम रही, लेकिन दूसरे प्रयास में बेहतर तैयारी के साथ परीक्षा दी और सफल हुए। कोरोना काल में लागू लाकडाउन की पाबंदियों का पूरा उपयोग किया। किताबों के साथ समय बिताया। उनसे मित्रता कर हर कठिनाइयां दूर कीं। वाट्सएप आदि इस्तेमाल सिर्फ ज्ञान बढ़ाने के लिए किया। विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन अधिकारी (एएसओ) के पद पर नौकरी करते हुए सिविल सेवा की परीक्षा दी। बताया कि तैयारी में कोई बाधा नहीं आई। कार्यालय के वरिष्ठों का पूरा सहयोग मिला। आवेदन पर अवकाश भी मिले। शिक्षक एवं गुरुजनों के आशीर्वाद से, असफलता और सफलता में साथ खड़े माता-पिता की वजह से इस मुकाम तक पहुंचा हूं।

    छोटे-छोटे खंड में लक्ष्य करें विभाजित

    उत्तम का कहना है कि सिविल सेवा की परीक्षा में पास होने के लिए अभ्यर्थियों को अपना लक्ष्य बनाना होगा। लक्ष्य को छोटे-छोटे खंड में विभाजित करना होगा। फिर इन्हें भेदने के लिए जुट जाना होगा। निश्चित ही सफलता कदम चूमेगी। सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अब उत्तम की प्राथमिकता सफल आइएएस बनना है। उनका कहना है कि यदि आइएएस में चयनित नहीं हुए तो बेहतर रहेगा। जो भी दायित्व मिलेगा उसमें रुकावट नहीं आएगी। मिली जिम्मेदारी बखूबी निभाई जाएगी।

    आएएस बने तो इन तीन कार्यों की रहेगी प्राथमिकता

    उन्होंने बताया कि यदि आइएएस बना तो पहला काम आदिवासियों की मूल समस्या का समाधान कराना होगा। उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना होगा। दूसरा काम बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर करेंगे। उनके कौशल और दक्षता को निखारेंगे। रोजगारपरक समग्र शिक्षा दिलाने का सतत प्रयास करेंगे। तीसरा काम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को कम करने का रहेगा। इनके मूल कारणों को खोजेंगे। इस दिशा में बाटम से टाप तक आने वाली समस्याओं का समाधान कराएंगे।

    जिले से की 10 वीं पास, डीयू से किया स्नातक

    उत्तम के पिता नवीन कुमार शर्मा ऊर्जा निगम मुरादाबाद में अधिशाशी अभियंता हैं। माता सुधा शर्मा गृहणी हैं। 10 वीं तक की परीक्षा निर्मला कांवेंट से पूरी की। आगरा के गायत्री पब्लिक स्कूल से 12वीं पास की। स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की। वर्ष 2019-20 में यूपीएससी की पहली बार परीक्षा दी। अब दूसरी बार दी परीक्षा में उन्होंने 121 वीं रैंक पाकर सफलता अर्जित की है।