UP Board 10th 12th Result 2023: मेरठ मंडल में परीक्षार्थियों को रिजल्ट का इंतजार, अभिभावक बढ़ा रहे हौसला
UPMSP UP Board Result 2023 Class 10 12 वर्ष-2022 में मेरठ जिले का दसवीं का परिणाम 91.84 व बारहवीं का परिणाम 88.28 प्रतिशत रहा था। परिणाम को देखने के लिए वेबसाइट upmsp.edu.in पर जा सकते हैं। अपने बच्चों के नंबरों की तुलना दूसरों से बिल्कुल न करें...करें प्रोत्साहित

मेरठ, जागरण संवाददाता। इंतजार की घड़ियां खत्म। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा-2023 का परिणाम मंगलवार दोपहर घोषित होगा। परिणाम को लेकर परीक्षार्थियों व अभिभावकों की धड़कन बढ़ गई हैं। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं गत 16 फरवरी से शुरू हुई थीं। यह परीक्षाएं गत चार मार्च को समाप्त हुई थी। अब मंगलवार को परीक्षा परिणाम भी आ रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिब्यकांत शुक्ल के अनुसार, दोपहर 1.30 बजे परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। परीक्षाफल परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in तथा एनआइसी की वेबसाइट upresult.nic.in पर देखा जा सकता है।
परीक्षा के लिए कुल 423 केंद्र बनाए गए थे
मेरठ मंडल में परीक्षा के लिए कुल 423 केंद्र बनाए गए थे। इनमें 23 राजकीय, 332 सहायता प्राप्त व 67 वित्तविहीन विद्यालय शामिल हैं। मंडल के बुलंदशहर जिले में सबसे अधिक व हापुड़ में सबसे कम परीक्षार्थी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल हुए। वहीं, क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय मेरठ के उप सचिव आरपी सिंह ने बताया कि वर्ष 2023 की परीक्षा में क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय के 11 लाख से अधिक परीक्षार्थी 17 जिलों से शामिल हुए हैं।
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राजकीय इंटर कालेज मेरठ के प्रधानाचार्य सुनील भड़ाना, मल्हू सिंह आर्य कन्या इंटर कालेज मटौर की प्रधानाचार्या डा. नीरा तोमर व चावली देवी आर्य कन्या इंटर कालेज ब्रहमपुरी की प्रधानाचार्य डा. नीलम सिंह का कहना है कि परीक्षा परिणाम इस बार और अच्छा रहने की उम्मीद है।
मनोवैज्ञानिक बोले न करें बच्चे की तुलना
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा वर्ष-2023 का परिणाम मंगलवार को घोषित हो रहा है। अभिभावक अपने बच्चों के अंकों की तुलना किसी रिश्तेदार अथवा किसी अन्य बच्चे से कदापि न करें। यह बच्चे और अभिभावक दोनों के लिए ठीक नहीं है। इसलिए बच्चे को किसी भी तरह हतोत्साहित न करें। इसकी बजाय जितने अंक आए हैं, उनको लेकर प्रोत्साहित करें।
मंडल के छह जिलों के परीक्षार्थी
जिला परीक्षार्थी
- मेरठ 85761
- बागपत 31792
- हापुड़ 29788
- गाजियाबाद 53084
- गौतमबुद्ध्रनगर 41944
- बुलंदशहर 91616
- कुल योग 3,33,985
यह कहना है
मंडलीय मनोवैज्ञानिक डा. मनीषा तेवतिया का। उनका कहना है कि बोर्ड परीक्षा जीवन का केवल पहला पड़ाव है। यह जिंदगी की कोई आखिरी परीक्षा नहीं है। पहली परीक्षा केवल परख के लिए होती है। परीक्षा में किसी भी परीक्षार्थी के अंक विभिन्न कारणों से कम अथवा ज्यादा आ सकते हैं। ऐसे में कम अंक आने पर घबराने की भी कोई जरूरत नहीं है। इसकी बजाय सकारात्मक सोच रखने की जरूरत है। साथ ही उस समय परीक्षार्थी को सपोर्ट की जरूरत होती है। इसमें बेटा व बेटी दोनों शामिल हैं।
बोर्ड के बाद भी अब किसी दूसरे संस्थान आदि में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा से सभी परीक्षार्थी को गुजरना होता है। ऐसे में वे नए सिरे से तैयारी करके उसमें सफलता पा सकते हैं। इसलिए अंक प्रतिशत व डिवीजन को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं। इसकी बजाय बच्चे के रिजल्ट को लेकर अभिभावक सेलीब्रेट करें। यदि कोई बच्चा अपने रिजल्ट को लेकर परेशान हैं तो उसे अकेला भी न छोड़ें। परेशानी में बच्चा कोई गलत कदम उठा सकता है।
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